जापान (Japan) मिसाइलों और फाइटर जेट के लिए अगले साल में 863 अरब डॉलर खर्च करेगा। जापान ने इस खर्च के अलावा अपनी बुजुर्ग होती जनसंख्या के लिए भी भारी भरकम मदद का ऐलान किया है। जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा की कैबिनेट ने शुक्रवार को इस महाबजट का ऐलान किया। जापान ने यह अरबों डॉलर का बजट ऐसे समय पर घोषित किया है जब चीन और उत्तर कोरिया (North Korea) के साथ जंग का खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, चीन के साथ जंग के खतरे के बीच अब जापान ने रक्षा क्षेत्र के लिए महाबजट का ऐलान किया है। जी हां, जापान ने मिसाइलों और फाइटर जेट के लिए अगले साल में 863 अरब डॉलर खर्च करने का मन बना लिया है। इसके
जापान सैन्य अड्डों, युद्धपोतों और अन्य जंगी जहाजों के लिए जमकर रक्षा खर्च करना शुरू किया है। इसके लिए सरकार बांड भी जारी करने जा रही है जो अपने आप में एक अप्रत्याशित कदम माना जा रहा है। इस रक्षा बजट में तब बढ़ोत्तरी हुई है जब किशिदा सरकार ने अपने रक्षा खर्च को साल 2027 तक दोगुना करके 2 प्रतिशत तक पहुंचाने की विवादित योजना पेश की है। वह भी तब जब जापान की अर्थव्यवस्था भारी भरकम कर्ज से जूझ रही है।
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चीन-उत्तर कोरिया ने दिखाई आंखें
इस बीच जापानी अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खास बात यह है कि उसे रेकॉर्ड टैक्स राजस्व प्राप्त होने जा रहा है। इससे प्रतीत होता है कि जापानी कंपनियों का लाभ बढ़ रहा है। जापान ऐसे समय पर यह जंगी तैयारी बढ़ा रहा है जब चीन और उत्तर कोरिया दोनों ही उसे आंखें दिखा रहे हैं। इन दोनों ही दुश्मनों से निपटने के लिए जापान लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार खरीदने जा रहा है। इसमें अमेरिकी टॉमहॉक क्रूज मिसाइल भी शामिल है।
वैसे जापान दूसरे विश्वयुद्ध के समय से ही एक रक्षात्मक रवैया अपना रहा है, लेकिन अब चीन के खतरे को देखते हुए लगातार अपनी रक्षा तैयारी को मजबूत करने में जुटा है। क्योंकि जापान को डर है कि चीन ताइवान पर कब्जा करने के बाद उसे निशाना बना सकता है। यही वजह है कि जापान जवाबी हमला करने की ताकत हासिल करना चाहता है। पिछले दिनों उत्तर कोरिया ने जापान के पास मिसाइल दागकर अपने खतरनाक इरादे साफ कर दिए थे।