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रूस,चीन या US किसके पास तबाही के नए हथियार, देखिए बाइडन का HALO कितना खूंखार

अमेरिका बना 'कैरियर किलर' मिसाइल

Hypersonic Missile: इस वक्त दुनिया के कई देशों में जंग के हालात देखने को मिल रहे हैं। इधर रूस यूक्रेन पर लगातार हमले जारी रखे हुए है और अब तो रूसी सेना भारी मात्रा में यूक्रेन के शहरों पर मिसाइलें दाग रही है और कब्जा की पूरी कोशिश कर रही है। वहीं इस बीच अमेरिका अपने दो सबसे शक्तिशाली दुश्मनों चीन और रूस से मुकाबले के लिए विनाशकारी हथियार तैयार कर रहा है। अमेरिका के दोनों दुश्मनों के पास हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं, जिनकी रफ्तार ध्वनि की गति से 12 गुना ज्यादा है। लेकिन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने हथियारों की इस रेस में आगे निकलने के संकेत दे दिए हैं।

अमेरिकी नौसेना (US Navy) ने बताया कि हाइपरसोनिक एयर-लॉन्च ऑफेंसिव एंटी-सरफेस वारफेयर मिसाइल या HALO को 2028 तक सर्विस में लाना चाहती है। अमेरिका इस एंटी-शिप मिसाइल से चीन के नए एयरक्राफ्ट कैरियर फ्लीट को निशाना बनाने में सक्षम होने की उम्मीद कर रहा है। अमेरिका ने यह कदम चीन के हाइपरसोनिक हथियारों के विशाल शस्त्रागार के जवाब में उठाया है जिन्हें ‘कैरियर किलर’ कहा जाता है।

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चीन की मिसाइल कैलिफोर्निया तक जा सकती है
चीन की मिसाइल DF-17 का जनवरी की शुरुआत में चालु हो गयी। अमेरिकी सेना के अनुसार, यह ‘युद्धाभ्यास’ और ‘निवारक कार्रवाई’ करने में सक्षम है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन अपनी ‘Invincible’ मिसाइलों से कैलिफोर्निया से लेकर जापान तक अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर सकता है। HALO की बदौलत अमेरिका रूस की Kinzhal या Dagger हाइपरसोनिक मिसाइल का मुकाबला कर पाएगा जिसे क्रेमलिन ‘अपराजेय’ बताता है।HALO नए हाइपरसोनिक हथियारों में से एक है जिसे पेंटागन वर्तमान में विकसित और तैनात कर रहा है। अमेरिकी वायु सेना दो अलग-अलग हाइपरसोनिक कार्यक्रमों हाइपरसोनिक अटैक क्रूज मिसाइल और एयर-लॉन्च रैपिड रिस्पांस वेपन के साथ आगे बढ़ रही है।