अब मस्जिदों में सिर्फ अजान या नमाज ही अता की जा सकेगी। मस्जिदों में चल रहे मदरसे बंद (Madarsa Ban) कर दिए जाएंगे। हर मस्जिद का रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। मस्जिद का उपयोग केवल धार्मिक आयोजन के लिए ही हो सकेगा। किसी भी तरह की पढ़ाई केवल स्कूलों में होगी मदरसे बंद (Madarsa Ban) कर दिए जाएंगे । मस्जिद परिसर में कोई रिहाइश, धर्मशाला नहीं होगी। मस्जिदों को मिलने वाले विदेशी फंड की जांच होगी।
सबसे बड़ी बात यह कि एक से ज्यादा शादी करने वालों को देश निकाला दे दिया जाएगा। जी हां, अभी तक आपने जो पढ़ा वो एकदम सही है और सरकार इन सबको तत्काल प्रभाव से लागू करने जा रही है। घबराने की जरूरत इसलिए नहीं है, क्यों कि ये कानून भारत में नहीं बल्कि फ्रांस में लागू किए जा रहे हैं। फ्रांस में कट्टरपंथी और आतंकी विचारधारा पर अंकुश लगाने के लिए मैंक्रो सरकार ने ये कदम उठाने जा रही है। इसके अलावा फ्रांस की सरकार बुधवार को एक नया विधेयक लेकर आई है जिसके तहत महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग स्विमिंग पूल्स को खत्म कर दिया जाएगा और तीन साल की उम्र से ही बच्चों को स्कूल भेजना अनिवार्य होगा। प्रस्तावित कानून के जरिए घर पर होम स्कूलिंग तथा मस्जिदों में मदरसे (Madarsa Ban) नहीं चलेंगे और ऐसे संगठनों पर नियम लागू किए गए हैं जो फ्रांस के मूल्यों के खिलाफ किसी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले हों।
इसके तहत तीन साल की उम्र के बाद बच्चों की होम-स्कूलिंग की इजाजत सिर्फ खास परिस्थितियों में दी जाएगी। इसके तहत अवैध स्कूलों पर नकेल कसने की बात की जा रही है जहां किसी खास अजेंडे के तहत पढ़ाई कराई जाती है। इसके अलावा मस्जिदों को पूजास्थल के तौर पर रजिस्टर किया जाएगा ताकि उनको बेहतर तरीके से पहचाना जा सके। अदालतों को अधिकार होगा कि वो आतंकवाद, भेदभाव, नफरत या हिंसा के दोषी को मस्जिद जाने से रोकने का आदेश पारित कर सकेंगी। 10 हजार यूरो से ज्यादा विदेशी फंडिंग होने पर उसे डिक्लेयर भी करना होगा। वहीं, एक से ज्यादा शादी करने वालों को रेजिडेंस कार्ड भी नहीं दिए जाएंगे। पश्चिमी यूरोप में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी फ्रांस में है। 6.7 करोड़ की आबादी वाली देश में 50 लाख मुस्लिम हैं। फ्रांस ने अभी तक अपनी कॉलोनी रहे देशों पर आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों के जरिए नियंत्रण रखा है। इसकी बानगी दूसरे देशों में उसकी सैन्य तैनाती में देखने को मिलती है।
फ्रांस की सेनाओं ने हाल के सालों में माली और सीरिया में इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई की है। हजारों फ्रांसीसी सैनिक अफ्रीका में तैनात हैं। इसकी वजह से इस्लामिक स्टेट, अलकायदा और दूसरे संगठन फ्रांस के अंदर कार्रवाई को उकसाते हैं ताकि दबाव में आकर फ्रांस अपनी सेना हटा ले। मैंक्रो सरकार के इन विधेयकों पर देश की संसद में बहस होने की संभावना है। फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने इस बात पर जोर दिया है कि विधेयक मुस्लिम या किसी और धर्म के खिलाफ नहीं है। उन्होंने बताया है कि विधेयक में देश के 1905 के कानून में बदलाव भी प्रस्तावित किए गए हैं जिनमें चर्च को सरकार से अलग करते हुए धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र सुनिश्चित किया गया है।.