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मोसाद की मदद से पाकिस्तानियों की नापाक साज़िश नाकाम

एथेंस, ग्रीस में एक्रोपोलिस पहाड़ी पर स्थित पार्थेनन मंदिर (फ़ोटो: सिन्हुआ/लाई जियांगडोंग/आईएएनएस)

ग्रीस ने मंगलवार को पाकिस्तानी मूल के दो लोगों को मध्य एथेंस में एक यहूदी रेस्तरां और अन्य इज़रायली ठिकानों जैसे आराधनालय पर हमला करने की साज़िश रचने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया। ग्रीक मीडिया के अनुसार, दोनों ही व्यक्ति अवैध रूप से तुर्की से ग्रीस में दाखिल हुए थे और पिछले चार महीनों से देश में रह रहे थे।

 

ग्रीक अधिकारी इनके तीसरे साथी की भी तलाश कर रहे हैं, जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह किसी दूसरे देश में है। अधिकारियों ने गिरफ़्तार किए गए दोनों की पहचान पर तब तक के लिए रोक लगा दी है, जब तक कि वे अपनी जांच पूरी नहीं कर लेते।

एक यूनानी समाचार वेबसाइट ने पुलिस प्रवक्ता को यह कहते हुए उद्धृत किया: “उनका उद्देश्य न केवल निर्दोष नागरिकों की जान लेना था, बल्कि देश में सुरक्षा की भावना को कमज़ोर करना भी था, सार्वजनिक संस्थानों को नुक़सान पहुँचाना और (यूनान के) अंतर्राष्ट्रीय रिश्ते के लिए ख़तरा पैदा करना था।”

माना जाता है कि ये दोनों संदिग्ध एक विदेशी आतंकवादी संगठन के सदस्य हैं। ग्रीक पुलिस ने एथेंस, दक्षिणी ग्रीस और जकीन्थोस द्वीप पर कई तलाशियां ली थीं।

एक विदेशी ख़ुफ़िया सेवा की सहायता से ग्रीक पुलिस और राष्ट्रीय ख़ुफ़िया सेवा इन गिरफ़्तारियों में शामिल थी।इन लोगों की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

इस घटना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इज़रायल के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को जासूसी एजेंसी मोसाद की ओर से ग्रीस में गिरफ़्तार पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में एक बयान जारी किया।

पीएमओ से कहा गया: “ग्रीस में आज जो मामला उजागर हुआ है, वह एक ऐसा गंभीर मामला है, जिसे ग्रीक सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया था। यह ईरान द्वारा विदेशों में इज़रायल और यहूदी लक्ष्यों के ख़िलाफ़ आतंकवाद को बढ़ावा देने का एक अतिरिक्त प्रयास था।

उस बयान में आगे कहा गया है: “… मोसाद ने इस नेटवर्क, इसकी कार्य विधियों और ईरान से लिंक को उजागर करने में ख़ुफ़िया सहायता प्रदान की। जांच से पता चला है कि ग्रीस में संचालित यह नेटवर्क ईरान से चलने वाले और कई देशों में फैले एक व्यापक ईरानी नेटवर्क का हिस्सा है।

मोसाद और ग्रीक जांचकर्ताओं ने पाकिस्तानियों को गिरफ्तार कर आतंकी साजिश को नाकाम किया

एथेंस, ग्रीस में एक्रोपोलिस पहाड़ी पर स्थित पार्थेनन मंदिर (फ़ोटो: सिन्हुआ/लाई जियांगडोंग/आईएएनएस)

ग्रीस ने मंगलवार को पाकिस्तानी मूल के दो लोगों को मध्य एथेंस में एक यहूदी रेस्तरां और अन्य इज़रायली ठिकानों जैसे आराधनालय पर हमला करने की साज़िश रचने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया। ग्रीक मीडिया के अनुसार, दोनों ही व्यक्ति अवैध रूप से तुर्की से ग्रीस में दाखिल हुए थे और पिछले चार महीनों से देश में रह रहे थे।

ग्रीक अधिकारी इनके तीसरे साथी की भी तलाश कर रहे हैं, जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह किसी दूसरे देश में है। अधिकारियों ने गिरफ़्तार किए गए दोनों की पहचान पर तब तक के लिए रोक लगा दी है, जब तक कि वे अपनी जांच पूरी नहीं कर लेते।

एक यूनानी समाचार वेबसाइट ने पुलिस प्रवक्ता को यह कहते हुए उद्धृत किया: “उनका उद्देश्य न केवल निर्दोष नागरिकों की जान लेना था, बल्कि देश में सुरक्षा की भावना को कमज़ोर करना भी था, सार्वजनिक संस्थानों को नुक़सान पहुँचाना और (यूनान के) अंतर्राष्ट्रीय रिश्ते के लिए ख़तरा पैदा करना था।”


माना जाता है कि ये दोनों संदिग्ध एक विदेशी आतंकवादी संगठन के सदस्य हैं। ग्रीक पुलिस ने एथेंस, दक्षिणी ग्रीस और जकीन्थोस द्वीप पर कई तलाशियां ली थीं।
एक विदेशी ख़ुफ़िया सेवा की सहायता से ग्रीक पुलिस और राष्ट्रीय ख़ुफ़िया सेवा इन गिरफ़्तारियों में शामिल थी।इन लोगों की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
इस घटना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इज़रायल के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को जासूसी एजेंसी मोसाद की ओर से ग्रीस में गिरफ़्तार पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में एक बयान जारी किया।
पीएमओ से कहा गया: “ग्रीस में आज जो मामला उजागर हुआ है, वह एक ऐसा गंभीर मामला है, जिसे ग्रीक सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया था। यह ईरान द्वारा विदेशों में इज़रायल और यहूदी लक्ष्यों के ख़िलाफ़ आतंकवाद को बढ़ावा देने का एक अतिरिक्त प्रयास था।
उस बयान में आगे कहा गया है: “… मोसाद ने इस नेटवर्क, इसकी कार्य विधियों और ईरान से लिंक को उजागर करने में ख़ुफ़िया सहायता प्रदान की। जांच से पता चला है कि ग्रीस में संचालित यह नेटवर्क ईरान से चलने वाले और कई देशों में फैले एक व्यापक ईरानी नेटवर्क का हिस्सा है।