म्यांमार की एक अदालत ने अवैध तरीके से वॉकी टॉकी रखने के लिए आरोप में नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू को चार और साल जेल की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि आंग सान सू की पर वॉकी-टॉकी रखने का आरोप उस समय लगा था जब सैनिकों ने 1 फरवरी 2021 को सैन्य तख्तापलट के दिन उनके आवास पर छापा मारा था। उस दौरान कथित तौर पर प्रतिबंधित उपकरण बरामद किया गया था। उनकी सरकार को जुंटा सैनिकों द्वारा बेदखल किए जाने के ठीक बाद म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ व्यापक विरोध दिखा जिसके बाद सेना ने खूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
#BREAKING Myanmar's Suu Kyi convicted on three charges, jailed for four years: source pic.twitter.com/B3SqMSvv7Y
— AFP News Agency (@AFP) January 10, 2022
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इस हिंसा अब तक 1500 लोगों की मौत हो चुकी है। सू की पर लगभग एक दर्जन मामले मुकदमे हैं। उनपर भ्रष्टाचार, आधिकारिक गुप अधिनियम उल्लंघन, दूरसंचार कानून और कोरोना नियमों के उल्लंघन सहित कई आरोप लगे हैं। हालांकि, सू ने सेना द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और यूके सरकार सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कोर्ट के इस फैसले और जेल की सजा की निंदा की है। सभी ने मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताया। 6 दिसंबर को कोविड-19 पाबंदियों का उल्लंघन तथा लोगों को इसका उल्लंघन करने के लिए उकसाने और अवैध तरीके से वॉकी टॉकी रखने के लिए आरोप में दोषी ठहराया गया।
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इसको लेकर चार साल कैद की सजा सुनाई गई। सजा सुनाने के बाद सैन्य सरकार के प्रमुख ने उनकी सजा आधी कर दी। उन्हें सेना ने एक अज्ञात स्थान पर रखा है। सरकारी टेलीविजन की खबर के मुताबिक, वह अपनी सजा वहीं काटेंगी। अदालत के इस फैसले के बाद म्यांमार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आंग सान सू की को दी गई सजा से यह पता चलता है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और सेना प्रमुख ने केवल 'मानवता के आधार' पर उनकी सजा को कम कर दिया है।