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नेपाल-भारत की दोस्ती से बुरी तरह तिलमिलाया China, काठमांडू में जमकर उगला जहर

भारत-नेपाल में बिजली खरीदने का समझौता

Nepal-India Relations: नेपाल और भारत के संबंध का इतिहास आज का नहीं बल्कि बेहद पुराना है। मगर यही संबंध चीन को बिलकुल भी हजम नहीं हो रहा है। जी हां, नेपाल में चीन के राजदूत का दखल एक बार फिर बढ़ने लगा है। उन्होंने एक भाषण में सभी राजनयिक परंपराओं का उल्लंघन करते हुए यहां भारत के खिलाफ बयानबाजी की। वुल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी के जरिए उन्होंने सीधे तौर पर भारत और नेपाल के रिश्तों में खटास पैदा करने की कोशिश की। वह यहां एक देश के राजनयिक की तरह नहीं बल्कि नेता की तरह बात कर रहे थे। उन्होंने नेपाल के लिए चीन को एक बेहतर भागीदार के रूप में पेश किया। अपने देश की तारीफ वह करें, उससे कोई दिक्कत नहीं। लेकिन वह इस दौरान भारत की एक नकारात्मक छवि पेश करने की कोशिश में लगे रहे। चेन काठमांडू के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह बातें उन्होंने तब कही, जब भारत ने नेपाल से 10 वर्षों में 10 हजार मेगावाट बिजली खरीदने का फैसला किया है।

इस दौरान नेपाल के प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देवराज घिमिरे भी शामिल थे। अपने भाषण के दौरान चेन ने नेपाल में भारत के प्रभाव के बारे में बात की। चेन ने भारत को एक बड़ा बाजार बताया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने नेपाल को सावधानी से चलने की सलाह दी। चेन ने कहा, ‘दुर्भाग्य से आपके पास भारत जैसा एक पड़ोसी है, क्योंकि भारत एक बड़ा बाजार है, बड़ी संभावनाएं है, जिनका आप दोहन कर सकते हैं।

नेपाल हमेशा भारत के करीब रहा

नेपाल हमेशा से चीन की तुलना में भारत के करीब रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण भारत और नेपाल की राजनीति, सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक संबंध रहे हैं। चीन के राजदूत यह दिखाते हुए नजर आए कि भारत के साथ व्यापार करना उसके लिए फायदेमंद नहीं है। उन्होंने कहा, ‘पिछले वित्तीय वर्ष में आपने भारत को 10 अरब रुपए की बिजली निर्यात की थी। आपने भारत से कितना आयात किया? मेरे नेपाली दोस्तों आपने भारत से 19 अरब नेपाली रुपए की बिजली का आयात किया।

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नेपाल में दखल बढ़ा रहा चीन

राजदूत चेन ने अपने भाषण में सलाह दी कि नेपाल को अपने कृषि क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए। पिछले कुछ दशकों से नेपाल में अपना वर्चस्व जमाने को लेकर चीन और भारत में होड़ मची है। नेपाल भारत के करीब है, जिसे देखते हुए चीन अपना दखल बढ़ाने लगा है। अपने भाषण में चेन ने चीन और नेपाल के बीच प्रतिस्पर्धा का जिक्र किया और कहा कि वह खुद नेपाल और चीन के बीच संबंधों को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे।