चीन(China)के सामने अपनी ही नीतिगत फैसले आज उसके लिए मुसीबत बनकर सामने आया है। अपनी ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ के चलते पहली ही चीन की जनसंख्या काफी कम हो गई है,एक तरह से कहा जाए तो जनसंख्या संकट के तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में घटती विवाह दर चीन के सामने एक नया संकट बनकर सामने आया है।
चीन में बढ़ती बेरोजगारी के बीच युवाओं में निराशा
China में यवाओं के लिए गुजरे हुए तीन साल बेहद भयानक साबित हुआ है,कोरोना के बाद कॉर्पोरेट छंटनी की लहर के चलते देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि कोरोना को लेकर प्रतिबंध ख़त्म हो गया है लोकिन युवाओं को उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता अभी भी बरकरार है।
अनिश्चितता से भरे भविष्य को देखते हुए चीनी युवाओं ने अपनी जिंदगी से जुड़े कई अहम फैसले टाल दिए हैं। देश की विवाह दर काफी नीचे चली गई है और जनसांख्यिकीय संकट सरकार के लिए नई मुसीबत बन गई है।
अस्थिरता के चलते बदलाव से डर
एक रिपोर्ट के मुताबिक ,संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था में अपने चारों ओर लगातार हो रही छंटनी देख चीनी युवा अभी घर बसाने को लेकर पेशोपेश में हैं । ऐसे युवा जिनका भविष्य अधर में है वो शादी की तत्काल कोई योजना नहीं बना रहे।
पिछले 9 सालों में घटी शादियों की संख्या
चीन में बढ़ती बेरोजगारी का आलम ये है कि यहां के युवा शादी करने से कतराने लगे हैं,लिहाजा चीन में शादियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। एक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल लगभग 68 लाख जोड़ों ने शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया, जो 1986 में शुरू हुए रिकॉर्ड के बाद से सबसे कम है।
चीन में कठोर शिक्षा प्रणाली से डरते हैं युवा
एक सर्वे की माने तो चीन के युवा चीन की कठोर शिक्षा प्रणाली से डर रहे हैं ,वो इस कठोर शिक्षा प्रणाली में अपने बच्चों को शामिल करने के बोझ से झिझकते हैं।वहीं शहरों में महिलाएं जैसे-जैसे वित्तीय स्वतंत्रता और शिक्षा हासिल करती हैं, शादी उनके लिए एक आर्थिक आवश्यकता नहीं रह जाती है। ये भी एक कारण है कि अब वहां युवा-युवतियां शादी करने से कतराने लगे हैं।
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