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अब सऊदी अरब-इजरायल में दोस्ती कराएगा America, दिया यह ऑफर

इजरायल और सऊदी अरब में रिश्‍ते सुधारने के लिए अमेरिका (America) ने बड़ा ऑफर दिया है। अमेरिका ने सऊदी प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान से कहा है कि अगर सऊदी अरब इजरायल के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करता है तो रियाद के साथ जापान और दक्षिण कोरिया जैसा सैन्‍य समझौता किया जाएगा। न्‍यूयार्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और सऊदी अरब के अधिकारी इस आपसी रक्षा समझौते की शर्तों पर बातचीत कर रहे हैं। इस समझौते में कहा गया है कि अगर सऊदी अरब या अमेरिका पर इस इलाके या सऊदी क्षेत्र पर हमला होता है तो दोनों देश एक-दूसरे को सैन्‍य सहायता मुहैया कराएंगे।

अमेरिकी संसद कर सकती है सऊदी डील का व‍िरोध

इन शीर्ष अमेरिकी (America) सांसदों का मानना है कि सऊदी अरब की सरकार पर एक पार्टनर के रूप में भरोसा नहीं किया जा सकता है जो अमेरिकी हितों या मानवाधिकारों के बारे में बहुत कम ध्‍यान देती है। बताया जा रहा है कि अमेरिका ने यह ऑफर इसलिए दिया है ताकि सऊदी अरब और इजरायल के बीच रिश्‍तों को सामान्‍य किया जा सके। सऊदी अरब ने अभी तक इजरायल के अस्तित्‍व को मान्‍यता नहीं दी है। इस समझौते से यह भी सवाल उठने लगे हैं कि क्‍या अमेरिका खाड़ी देशों में अपनी सैन्‍य ताकत को बरकरार रखेगा या फिर ऐसी जगहों पर ले जाएगा जो चीन के पास हैं।

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अमेरिका (America) और सऊदी अरब के बीच बातचीत मोहम्‍मद बिन सलमान की मांगों पर केंद्र‍ित हैं। बुधवार को बाइडन और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू के बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की बैठक के दौरान मुलाकात होनी है। माना जा रहा है कि यह पूरा मामला इसमें उठ सकता है। महासभा में मंगलवार को दिए अपने भाषण में बाइडन ने इजरायल के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने के फायदे बताए थे। बता दें कि अमेरिकी सेना के जापान और दक्षिण कोरिया में सैन्‍य अड्डे हैं और हजारों की तादाद में अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।

सऊदी अरब में मौजूद हैं अमेरिकी सैनिक

वहीं अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि नए रक्षा समझौते के तहत सऊदी अरब में बड़ी तादाद में अमेरिकी सैनिक तैनात करने की कोई योजना नहीं है। द्वितीय व‍िश्‍वयुद्ध और शीत युद्ध के बढ़ने पर अमेरिका ने जापान और दक्षिण कोरिया के साथ रक्षा समझौता किया था ताकि सोव‍ियत संघ के प्रभाव को चुनौती दी जा सके। अभी सऊदी अरब में 2700 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।