भारत में इन दिनों बुलडोजर मामला गरमाया हुआ है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब राज्य के सीएम पद की शपथ ली थी तब उन्होंने वादा किया था कि वो राज्य को भय मुक्त और माफिया मुक्त बनाएंगे और राज्य की जनता की हित में काम करेंगे। अपने इसी वादे को पूरे करते हुए उन्होंने कई माफिओं का जेल में डाल दिया उनकी संपत्तियों को कुर्क कर दिया। इसके साथ ही राज्य में माफियाओं के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चला। ये बुलडोर इतना तुल पकड़ लिया कि अब पूरे देश भर में इसकी चर्चा होती है। इसके साथ ही अब योगी का ये बुलडोर पाकिस्तान भी पहुंच गया है।
दरअसल, इमरान खान इन दिनों सरकार विरोधी रैलियां कर रहे हैं और इसमें वो देश में गृहयुद्ध लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने कहा है कि, भले पुलिस कुछ करे लेकिन वह आज सियालकोट जा रहे हैं। इमरान खान की रैली सियालकोट में ऐसी जगह है जो ईसाई समुदाय से संबंधित है और उसे लेकर विवाद है। पुलिस ने PTI से जुड़े कार्यकर्ताओं को संबंधित क्षेत्र में रैली की तैयारी करने से रोक दिया है, जिसके बाद यह मामला बिगड़ गया है।
मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, पुलिस जब संबंधित क्षेत्र में रैली की तैयारियों पर रोक लगाने पहुंची तो इरमान खान के समर्थकों ने विरोध-प्रदर्शन किया। मामला इतना बढ़ गया कि, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और विरेध कर रहे लोगों पर लाठीचार्स कर दिया। इसके बाद इमरान खान ने ट्वीट करते हुए कहा कि, इसमें कोई शक नहीं है वह आज सियालकोट जा रहे हैं।
इमरान खान ने कहा है कि सियालकोट में हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ आयातित सरकार ने जो किया वह अपमानजनक है लेकिन अप्रत्याशित नहीं। जमानत पर छूटे अपराधियों और लंदन में दोषी माफिया बॉस ने सत्ता में रहते हुए हमेशा विरोधियों के खिलाफ फासीवादी रणनीति का इस्तेमाल किया है। जब वे विपक्ष में होते हैं तो वे लोकतंत्र का दुरुपयोग करते हैं और सत्ता में रहते हुए सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं। बता दें कि, जहां खान रैली करना चाहते हैं वहा पर रैली करने की इजाजत मांगी गई थी लेकिन ईसाई समुदाय ने इनकार कर दिया। ऐसे में पुलिस का कहना है कि, रैली करना एख कानूनी और संवैधानिक अधिकार है लेकिन, अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति पर जबरन रैली करना उचित नहीं है।