झेपोराझिया, खेरोसान और डोनबास को कब्जा करने के बाद पुतिन पश्चिमी देश खासतौर पर अमेरिका पर दबाव बनाने यूक्रेन पर सीमित न्यूक्लियर अटैक (Nuclear Attack) करने वाले हैं। सीआईए और नाटो की खुफिया इकाईयों को पुख्ता खबर मिली है पुतिन ने न्यूक्लियर अटैक (Nuclear Attack) का प्लान एक्टिव कर दिया है। किसी भी वक्त यूक्रेन पर एटम बम गिर सकता है। पुतिन एक साथ तीन बमों का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक यूक्रेन पर और दो यूक्रेन को मदद करने वाले देश हो सकते हैं। पुतिन यूरोपीय हितों को प्रभावित करने वाले प्रतिष्ठानों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। पुतिन की मंशा है कि दुश्मन का ध्यान और ताकत को कम से कम तीन हिस्सों में बांटना है। अमेरिका को आशंका है कि न्यूक्लियर अटैक से (Nuclear Attack) से पहले पुतिन हवाई उड़ानों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं।
अंग्रेजी अखबारों के मुताबिक पश्चिमी देशों के जासूसों ने यह चेतावनी ऐसे समय पर दी है जब अमेरिका ने अपने नागरिकों को रूस छोड़ देने के लिए कहा है। अमेरिका को डर है कि दोहरी नागरिकता वाले लोगों को यूक्रेन की जंग में झोंका जा सकता है। अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि रूस अमेरिकी नागरिकों की दोहरी नागरिकता को मानने से इंकार कर सकता है। उन्हें काउंसलर सहायता देने से भी मना कर सकता है। यही नहीं ऐसे लोगों के रूस छोड़ने पर भी पाबंदी लगाई जा सकती है।
अमेरिकी दूतावास ने यह भी चेतावनी दी है कि इस समय फ्लाइट से रूस छोड़कर जाना बहुत कठिन हो गया है और रूसी सेना सीमा को बंद कर रही है। इस बीच यूक्रेन में रूस की ओर से कराए जनमत संग्रह में रूप से जनता ने मास्को का समर्थन किया है। अब माना जा रहा है कि रूस यूक्रेन के 4 इलाकों को अपने क्षेत्र में मिलाने जा रहा है।
ऐसा कहा जा रहा है कि दबाव सबसे ज्यादा जेलेंस्की पर है। जेलेंस्की से कहा जा रहा है कि वो पूरी ताकत के साथ रूस पर एसाल्ट करे। ताकि रूसी फौजें मैदान छोड़कर भाग खड़ी हों। जेलेंस्की यानी यूक्रेन के पास भाड़े के सैनिक पर्याप्त संख्या में हैं। इस समय अमेरिका से मिले हथियार भी काफी आधुनिक और पर्याप्त संख्या में हैं। नाटो सचिव पहले ही कह चुके हैं कि यूक्रेन के लिए मौका अभी नहीं तो कभी नहीं का है। क्यों कि सर्दियां आ रही हैं। भाड़े के सैनिकों को वर्फ में दुश्मन से मोर्चा लेने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है। ऐसे में रूसी सेनाएं यूक्रेन जंग में बाजी मार सकती हैं और रूस यूक्रेन को दुनिया के नक्शे से खत्म कर सकता है।
नाटो उन्हें यह भी डर है कि रूस समुद्र के अंदर बिछी हुई इंटरनेट केबल को काट सकता है। यूरोप को जाने वाली गैस पाइप लाइन लीक हो चुकी है। इसके अलावा रूस अपने 3 लाख रिजर्व सैनिकों को यूक्रेन के मैदान में उतार चुका है।।