TTP Attack on Pakistan Army: पाकिस्तान ने जब आतंकियों को जन्म दिया तो उसने कभी नहीं सोचा की, एक दिन यही आतंकवादी उसके लिए गले की हड्डी बन जाएंगे। यही आतंकी मुल्क को दहलाएंगे। आज आलम यह है कि, पाकिस्तान दो टूकड़ों में होता नजर आ रहा है। आतंकवादियों का कहना है कि, खैबर पख्तूनवा उन्हें चाहिए जहां पर वो अपनी सरकार चलाएंगे। जहां वो शरिया कानून लागू करेंगे। पाकिस्तान में अब एक बार फिर से TTP (TTP Attack on Pakistan Army) एक्टिव हो गया है। नया आर्मी चीफ असीम मुनीर के नियुक्त होते ही टीटीपी ने पाकिस्तान (TTP Attack on Pakistan Army) में हमले का ऐलान कर दिया था। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हमले से पाकिस्तानी फौज घबरा गई है और आतंक के खिलाफ अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूत हो गई है।
पाकिस्तानी फौजों के लिए काल बना TTP
पाकिस्तान आर्मी पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हमले के बाद पाकिस्तान सरकार उसे लेकर अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर रही है। अफगान तालिबान की मध्यस्थता से इस साल जून में यह संघर्षविराम संधि हुई थी जिससे टीटीपी इस सप्ताह के प्रारंभ में पीछे हट गया। टीटीपी पाकिस्तान में शरिया कानून स्थापित करने के लिए संघर्षरत है। लेकिन, अब नये आर्मी चीफ की नियुक्ती होते ही टीटीपी फिर से मुल्क को दहला रहा है। आतंकवादी हमले बढ़ जाने के कारण पाकिस्तान सरकार रणनीति पर पुनर्विचार कर रही है।
पाकिस्तान NSC बैठक बुलाने के लिए मजबूर
मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, बताया जा रहा है कि, नई रणनीति पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक बुलाई जा सकती है। एनएससी राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा के मुद्दों पर चर्चा के लिए उच्चतम मंच है। अफगान तालिबान शासन की मध्यस्थता से दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई थी क्योंकि तालिबान शासन टीटीपी एवं उसके सहयोगी संगठनों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए पाकिस्तान की ओर पड़ रहे दबाव का विरोध कर रहा था। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि, टीटीपी नेतृत्व में परिवर्तन एवं उसके फिर से सिर उठाने के बाद सरकार आतंकवाद से निपटने के लिए सभी विकल्पों पर अब चर्चा करेगी।