Pak economic crisis: पाकिस्तान आर्थिक संकट की चौतरफा मार झेल रहा है। ऐसे में रोज़ाना वह कोई नए संकट में पड़ता नज़र आ रहा है। अब पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था के औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों में लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। सरकारी मीडिया ने यह (Pak economic crisis) जानकारी दी। कच्चे माल के आयात पर लगाया गया प्रतिबंध, विदेशी मुद्रा संकट और बढ़ती बिजली और गैस के बिलों के कारण बढ़ती लागत ने उत्पादन गतिविधियों को गंभीर रूप से बाधित किया है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, कराची (Pak economic crisis) के चार औद्योगिक क्षेत्रों और देशव्यापी ऑटो वेंडिंग यूनिटों में, हितधारकों ने दावा किया कि 5 लाख से ज्यादा लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ा है। हालांकि, सिंध सरकार के जनशक्ति श्रम मानव संसाधन निदेशालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि व्यवसायी आंकड़े बढ़ा-चढ़ा कर बता रहे हैं।
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व्यवसायी इन विभागों से किसी भी उत्पीड़न के डर से नौकरी के नुकसान का कोई भी डेटा देने से हिचक रहे हैं, जबकि सूचीबद्ध कंपनियां हर महीने अपने कर्मचारियों का डेटा पेश कर सकती हैं। नॉर्थ कराची एसोसिएशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (एनकेएटीआई) के अध्यक्ष फैसल मोइज खान ने कहा कि इस क्षेत्र में लगभग 5,000-6,000 छोटी और मध्यम आकार की यूनिटें हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत निर्यात-उन्मुख हैं, जो 5 से 6 मिलियन मजदूरों को काम के अवसर प्रदान करती हैं।
डॉन रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिकूल आर्थिक स्थिति (Pak economic crisis) के बीच, लगभग 25 प्रतिशत उद्योगों ने अपनी यूनिटों को बंद कर दिया है, जिससे 100,000 से अधिक अनुबंधित कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं, जबकि 75 प्रतिशत उद्योगों ने अपना उत्पादन कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि सिंध में लगभग 30 से 50 प्रतिशत कपड़ा उद्योग आंशिक रूप से बंद हो गया है।