पाकिस्तान के प्रेधानमंत्री इमरान खान इन दिनों अपनी चार दिवसीय दौरे पर चीन गए हुए हैं। इधर पाकिस्तान में विपक्षी दल एक जुट होकर इमरान खान को सत्ता से बाहर करने पर लगे हुए हैं उधर जब UN में सुनवाई नहीं हुई तो इमरान खान चाइना के गोद में जा पहुंचे। जहां उन्होंने कश्मीर पर फिर रोना शुरू कर दिया है। इमरान खान ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में एक संयुक्त बयान में एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर का राग अलापा। लेकिन इस बार चाइना ने ही पाकिस्तान को लताड़ लगा दी और कहा कि इसे शांतिपूर्ण तरीके के निपाट लो।
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बयान में चीन ने कश्मीर मुद्दे का हल शांतिपूर्ण तरीके से करने की बात कही और स्थित को जलिट बनाने वाली एकपक्षीय कार्रावईयों का विरोध किया। हालांकि इसपर भारत की ओर से अबत कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान को यह याद रखना चाहिए कि केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर) भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन की चार दिनों की अपनी यात्रा के अंतिम दिन शी जिनपिंग से मुलाकात की। उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा(CPEC) की धीमी गति और पाकिस्तान में विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे चीनी कर्मियों पर होने वाले हमलों को लेकर बीजिंग की बढ़ती चिंता सहित कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए यह यात्रा की।
एक बयान के मुताबिक, पाकिस्तान ने चीन को जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर ताजा घटनाक्रम से अवगत कराया। इसमें इमरान खान की चिंताएं, स्थिति और दबाव वाले मुद्दे भी शामिल हैं। चीन ने दोहराया कि कश्मीर मुद्दा इतिहास से उपजा हुआ विवाद है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रांसगिक सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर सही और शांतीपूर्वक तरीके से हल किया जाना चाहिए।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, इमरान खान खान के साथ अपनी बैठक में शी ने कहा कि चीन राष्ट्रीय आजादी, संप्रभुता, गरिमा की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान का दृढ़ता से समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि, चीन सीपीईसी के पूर्ण विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए पाकिस्तान से हाथ मिलाने को तैयार है। एक संयुक्त बयान के मुताबिक, पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू कश्मीर में स्थिति पर ताजा घटनाक्रमों से अवगत कराया। चीनी पक्ष ने फिर से कहा कि कश्मीर मुद्दा एक ऐसा विवाद है जो अतीत से मिला है और उसका शांतिपूर्ण तरीके से समाधान होना चाहिए। चीन स्थिति को और जटिल करने वाली किसी भी एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध करता है।
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हालांकि, यह पहली बार नही है जब दोनों ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर बात की हो। भारत इस तरह से संदर्भों में कई बार दोनों देशों को लताड़ लगा चुका है कि, हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे और इससे दूर ही रहे।