पाकिस्तान (Pakistan) ने जब आतंकियों को जन्म दिया था तो उसने कभी सोचा नहीं था कि, एक दिन यही आतंकवादी उसके लिए गले की हड्डी बन जाएंगी। यही आतंकी मुल्क को दहलाएंगे। आज आलम यह है कि, पाकिस्तान दो टूकड़ों में होता नजर आ रहा है। आतंकवादियां का कहना है कि, खैबर पख्तूनवा उन्हें चाहिए जहां पर अपनी सरकार चलाएंगे। जहां वो सरिया कानून लागू करेंगे। पाकिस्तान में अब एक बार फिर से TTP एक्टिव हो गया है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ (COAS) जनरल असीम मुनीर ने शुक्रवार को देश की नेशनल असेंबली के सदस्यों से कहा कि आतंकवादियों के साथ बातचीत ने उन्हें फिर से संगठित होने का मौका दे दिया। आर्मी चीफ ने सदस्यों को पाकिस्तान के सुरक्षा हालात के बारे में बताया।
पाकिस्तान में आतंकवाद एक बार फिर सिर उठा रहा है और हाल-फिलहाल में देश में आतंकी हमले काफी बढ़ गए हैं। सेना प्रमुख ने आतंकवाद को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान (TTP) को लेकर पाकिस्तान की लापरवाह नीति और आतंकी संगठन के प्रति ‘सॉफ्ट कॉर्नर’ के कारण ही मुल्क आतंक की नई लहर का सामना कर रहा है। सीम मुनीर ने कहा कि आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान से आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है। आर्मी चीफ का उद्देश्य इस ऑपरेशन के लिए समर्थन जुटाना था, जिसे लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए बहा है खून
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट जियो टीवी के अनुसार मुनीर ने कहा, ‘पाकिस्तान में इस समय ऐसी कोई जगह नहीं है जहां आप नहीं जा सकते। इस सफलता के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान दी है। उन्होंने देश के लिए खून बहाया है।’ मुनीर ने ये बातें नेशनल असेंबली की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में कही हैं।
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बातचीत ने दिया एकजुट होने का मौका
पाक आर्मी चीफ ने कहा कि आतंकवादी फिर से एकजुट हो गए क्योंकि सरकार उनके साथ बातचीत करने को तैयार थी। उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा बल देश में स्थायी शांति चाहते हैं। इसे लेकर हर रोज खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन चलाए जाते हैं। पाकिस्तान के पास संसाधनों और लोगों की कोई कमी नहीं है।’