Pakistan Economic Crisis: आर्थिक तौर पर पाकिस्तान चरमरा चुका है। आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा की कमी है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ मदद की गुहार भी काम नहीं आई। आईएमएफ से वो मदद की आस में हैं लेकिन उसकी शर्तें माननी होंगी। आईएमएफ (IMF) के सुझाव के मुताबिक शरीफ जो भी एक्शन लेंगे उसमें जनता को पीसना है। लेकिन कोई दूसरा विकल्प नहीं उस दिशा में पाकिस्तान सरकार ने अपनी जनता पर एक के बाद एक बम फोड़ रही है। इस वित्तीय वर्ष में महंगाई दर औसतन 25.4 फीसदी रही है। एक साल पहले यह 10.3 फीसदी थी। जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 27.5 फीसदी की वृद्धि हुई, जो लगभग 50 वर्षों में सबसे ज्यादा है। जबकि रुपए का मूल्य 35 फीसदी से अधिक गिर गया।
पाकिस्तान में क्रय शक्ति घटी है। अर्थशास्त्री यूसुफ नजर ने कहा कि इस समय खाने की चीजों पर 40 फीसदी की महंगाई देखी जा रही है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसने पाकिस्तान की गरीब अवाम को भुखमरी और भीख मांगने की कगार पर पहुंचा दिया है। आने वाले दिन और भी मुश्किल होंगे। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि पाकिस्तान को अपनी नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है, लेकिन आने वाले दिनों में ऐसा होता दिख नहीं रहा। पाकिस्तान में स्थिति कितनी खराब है उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई बड़ी कंपनियों का कारोबार बंद होने लगा है। इसका सबसे बड़ा कारण कच्चा माल न होना है।
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पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार की कमी है, जिसके कारण व कच्चे माल का आयात नहीं कर पा रहा है। स्टॉक एक्सचेंज की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि सुजुकी मोटर कॉर्प की स्थानीय इकाई ने पुर्जों की कमी के कारण अपने एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बंद कर दिया है। टायर-ट्यूब बनाने वाली गांधार टायर एंड रबर कंपनी ने 13 फरवरी को अपना प्लांट बंद कर दिया था। कंपनी ने कहा था कि कच्चे माल के आयात न हो पाने के कारण ऐसा हो रहा है। हम यहां सिर्फ दो कंपनियों की बात कर रहे हैं जो कराची स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं। लेकिन पाकिस्तान में उर्वरक, स्टील और कपड़ा से जुड़ी कई कंपनियों ने अपने कारखाने या तो अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए हैं या फिर वह रुक-रुक कर काम कर रही हैं।
इन कंपनियों का प्लांट भी ठप
सुजुकी की ही तरह होंडा मोटर और टोयोटा मोटर की लोकल यूनिट के काम पर भी असर देखने को मिल रहा है। ये रुक-रुक कर काम कर रही हैं। पाकिस्तान ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में कारों की बिक्री तीन साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। पाकिस्तान की इस बर्बाद हो रही अर्थव्यवस्था ने चिंताओं को बढ़ा दिया है। दूध की कीमत 250 रुपए प्रति लीटर और चिकन की कीमतें 780 रुपए प्रति किग्रा तक पहुंच गई हैं। बोनलेस चिक 1000-1200 रुपए तक बिक रहा है।
सबसे ज्यादा कर्ज चीन का
पाकिस्तान के विदेशी ऋण चुकाने में डिफॉल्ट की संभावना के साथ गंभीर आर्थिक संकट में फंसते देख चीन ने सोमवार को कहा कि वह इस संकट से निपटने के लिए अपने सदाबहार मित्र की ओर से उठाए गए कदमों का समर्थन करता है। साथ ही चीन ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान मुश्किल वक्त से निकलने में सक्षम होगा। पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा चीन से कर्ज ले रखा है।