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अब भी नहीं आई अक्ल! तिल-तिल कर मर रही अवाम, हथियार से PAK की भूख मिटाएंगे शहबाज?

शहबाज को अब भी हथियार की भूख

पाकिस्तान (Pakistan)आज जिस हाल में है वो उसका खुद का बनाया हुआ है। मुल्क जल्द ही डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान के पास खाने के लाले पड़े हुए हैं। उसके कई बड़े उद्योग बंद होने के कगार पर हैं। खासकर टेक्स्टाइल इंडस्ट्री कुछ ही दिनों में बंद हो सकती है। इसके साथ ही अन्य कई क्षेत्रों का भी यही हाल है। अब जिन्ना का देश महाकंगाल हो गया है। क्योंकि, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरते-गिरते अब पाताल तक पहुंच गया है। इस दौरान पाकिस्‍तान और अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के बीच एक बार फिर से बातचीत शुरू हो गई है। पाकिस्तान के जनरलों ने नए हथियारों के लिए बजट का एक बड़ा हिस्सा हड़प लिया है। पाकिस्तान में इस समय जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए शहबाज शरीफ सरकार के साथ-साथ सेना भी जिम्मेदार है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि लोगों से सब कुछ छीन कर पाक सेना और नेता मोटे हो गए हैं।

ANI के मुताबिक संकट के समय में पाकिस्तान की तथाकथित संरक्षक सेना ने अपने 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब विभिन्न उद्यम से बनाए गए पैसों को सरकार के साथ साझा करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान की सेना विभिन्न उद्यम से हर साल यह पैसा जेनरेट करती है। यह पैसा सैन्य कर्मियों के विशेषाधिकारों और अनुलाभों के रूप में खर्च किया जाता है। ज्यादातर पैसा जनरलों को जमीन, मकान और अन्य लाभों के रूप में उपयोग किया जाता है।

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साल 2022-23 का बजट 1.53 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये (7.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) होने का अनुमान है, जो साल 2021-22 के मूल सैन्य खर्च से 12 प्रतिशत अधिक है। एडीएन की रिपोर्ट के अनुसार IMF से लोन लेने के लिए शर्तों को पूरा करने के लिए पहले से ही यहां के लोग भारी टैक्स के बोझ से दबे हुए हैं। देश में आर्थिक संकट के बाद भी रक्षा बजट में कोई कमी नहीं आई है। इस साल वृद्धि विकास क्षेत्र, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास पर खर्च में भारी कटौती की गई है

बता दें कि पाकिस्तानी सेना ने साल 2019 में 669 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई की, जो साल 2020 में 760 मिलियन अमेरिकी डॉलर और साल 2021 में 884 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई। यह वही साल था जब देश को कोविड महामारी और फिर प्रलयकारी बाढ़ का सामना करना पड़ा था।