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एक प्लेट बिरयानी के लिए दंगा, रोटी के भी पड़े लाले,पाकिस्तान के बद से बदतर हालात

Pakistan crisis

आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त खून के आंसू रो रहा है। पाकिस्तान में इस वक्त हाल बद से बदतर होते जा रहा है। मुल्म में गरीबों पर महंगाई की मार बढ़ती जा रही है। हाल यह है कि, रोटी के लिए जनता तरस रही है। क्योंकि, इस वक्त आटें का भाव रिकॉर्ड हाई पर है। इससे पहले पाकिस्तान में आटे की कीमत में इतना उछाल कभी नहीं देखा गया था। पाकिस्‍तान इस समय गेहूं की भारी कमी से जूझ रहा है। इसकी वजह से जगह-जगह पर आटे के लिए मारपीट हो रही है। कहीं पर आटा नहीं हैं तो कहीं इसका दाम आसमान छू रहा है। आटे के दाम इस कदर बढ़ गए हैं कि यह एक आम आदमी पहुंच से बाहर हो चुका है। दुनियाभर से मदद की अपील कर रहे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी नहीं मालूम है कि आखिर इस मुश्किल से कैसे निबटा जाए।

आटे के लिए मारपीट

खास बात आटा जो सबसे अहम खाद्य पदर्थ है,अगर वो ही नहीं मिल पा रहा है तो आप खुद ही देश की बुरी स्थिति का अंदाजा लगा रहे हैं। लेकिन आखिर ऐसा क्‍या हुआ जो इस मुल्‍क को इस किल्‍लत से दो-चार होना पड़ा है। पाकिस्‍तान के कराची (Karachi) में एक किलो आटा इस समय 140 से 160 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है। इस्‍लामाबाद और पेशावर में 10 किलो की बोरी 1500 और 20 किलो की बोरी 2800 रुपए में बिक रही है। सरकार की तरफ से कीमतों को नियंत्रित करने के सभी प्रयास पूरी तरह से फेल हो गए हैं। आटे की कमी की वजह से अब लोगों के बीच मारपीट तक होने लगी है। खैबर, सिंध और बलूचिस्‍तान में तो संकट की वजह से हिंसा का माहौल है।

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10 घंटे तक लाइन में

वहीं लोग रोजाना 10 घंटे तक लाइन में लगे हैं और तब जाकर उन्‍हें आटा नसीब हो रहा है। गेहूं की सबसे ज्‍यादा कमी पंजाब और आसपास के प्रांत में है। इस संकट के लिए लोग शहबाज और उनकी सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो पीएम शहबाज के मंत्री इस बात का अनुमान ही नहीं लगा सके कि आखिर कितना गेहूं निर्यात करना है।

असली वजह क्‍या है?

केंद्र और पंजाब सरकार के बीच टकराव इस किल्‍लत की बड़ी वजह है। पंजाब खाद्य विभाग का अनुमान पूरी तरह से गलत साबित हुआ। इस अनुमान के आधार पर ही केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं खरीदा गया था। बलूचिस्‍तान के खाद्य मंत्री जामराक अच्छाजकाई ने कहा कि उनके राज्‍य को जितना जरूरी था, उतना गेहूं मिला ही नहीं। लेकिन उन्‍होंने गेहूं का पूरा स्‍टॉक नहीं भेजा और अपना वादा तोड़ा। इसकी वजह से ही लोगों को काफी मुश्किलें हो रही हैं।