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पाकिस्तान कोई भिखारी नहीं ! IMF ने मारी लात तो खिसिआए शहबाज

Pakistan IMF Loan

आर्थिक तौर पर पाकिस्तान (pakistan) चरमरा चुका है। आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा की कमी है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ मदद की गुहार भी काम नहीं आई। आईएमएफ से वो मदद की आस में हैं लेकिन उसकी शर्तें माननी होंगी। आईएमएफ के सुझाव के मुताबिक शरीफ जो भी एक्शन लेंगे उसमें जनता को पीसना है। लेकिन कोई दूसरा विकल्प नहीं उस दिशा में पाकिस्तान सरकार ने अपनी जनता पर एक के बाद एक बम फोड़ रही है। ऐसे में पाकिस्तान में आर्थिक संकट और भी कई मुश्किलों को जन्म दे सकता है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडी ने पाकिस्‍तान की रेटिंग को जहां ‘Caa3’कर दिया है, वहीं अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष ने लोन देने से एक तरह से किनारा कर लिया है। इससे पाकिस्‍तान की शहबाज सरकार हताश हो गई है और खुलकर आईएमएफ पर लोन नहीं मिलने के लिए ठीकरा फोड़ रही है। बार-बार कर्ज मांगकर ‘भ‍िखारियों’ वाली हालत में पहुंच चुके पाकिस्‍तान को आईएमएफ से ताजा लोन के लिए मनाने में नाको चने चबाना पड़ रहा है।

IMF से लोन की दूर-दूर तक कोई उम्‍मीद नहीं दिखने पर पाकिस्‍तानी अधिकारी इसके लिए अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसी को जिम्‍मेदार बताने लगे हैं। पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तानी अधिकारी इस बात से बौखलाए हुए हैं कि आईएमएफ शर्ते लगा रहा है। उन्‍होंने कहा, ‘हम सदस्‍य देश हैं, भ‍िखारी नहीं।’ एक अन्‍य पाकिस्‍तानी अधिकारी ने तो हालात की तुलना साल 1998 से कर दी। उस समय पाकिस्‍तान ने परमाणु विस्‍फोट किया था और देश में आर्थिक तबाही आ गई थी।

पाकिस्‍तान अब US से लोन को गिड़‍ग‍िड़ाया

पाकिस्‍तान की सरकार आईएमएफ को मनाने में नाकाम रही है और उसको लोन मिलना अब बहुत ही मुश्किल हो गया है। पाकिस्‍तानी अखबार ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के मुताबिक यह बहुत ही दुर्लभ है कि शहबाज सरकार भारी राजनीतिक कीमत चुकाते हुए कठोर फैसले लेने के बाद भी आईएमएफ से लोन नहीं ले पाई है। अब पाकिस्‍तानी यह दावा कर रहे हैं कि इसके लिए आईएमएफ ही जिम्‍मेदार है।

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अमेरिकी मंत्री एक दूसरे मुद्दे पर बातचीत करना चाहते थे और इसी में पाकिस्‍तान लोन की भीख मांगने लगा। पाकिस्‍तान और आईएमएफ के बीच मुद्रा के एक्‍सचेंज रेट, ब्‍याज दर, बिजली पर सरचार्ज को लेकर मतभेद बना हुआ है। पाकिस्‍तान सरकार करीब 25 साल के बाद इस तरह के हालात का सामना कर रही है। पाकिस्‍तान और आईएमएफ के बीच में 1.1 अरब डॉलर के लोन के लिए पिछले करीब 1 महीने से बातचीत चल रही है। पाकिस्‍तान को चीन को छोड़कर किसी देश से लोन नहीं मिल रहा है।