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Pakistan में होगा तालिबानी राज?अपने घर में पल रहा सांप काल बनकर उभरा

पाकिस्तान में भी आएगा तालिबानी राज

इस बात में जरा सा भी शक नहीं है कि पाकिस्तान (Pakistan) जिस आतंकवाद को हमेशा पनाह देने का काम करता था और जिन ताकतों का साथ देने के लिए खुद ही निति को बनाता था, आज वही नीतियां उसके लिए किसी बड़ी आफत से कम साबित नहीं हो रही है। मुल्क में धमाके कर रह हैं। हाल यह है कि, नये साल के शुरू होते ही देश अब दो टूकड़ों में बंटता नजर आ रहा है। दरअसल, 12 साल पहले अमेरिकी सेक्रटरी हेलरी क्लिंटन ने साफ शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, अगर आप अपने घर में सांप पालते हैं और सोचते हैं कि यह केवल पड़ोसी को डसेगा तो यह गलत है। अब पाक को ये समझ नहीं आ रहा कि वह क्या करे। तहरीक-ए-तालिबान ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को मारने तक की धमकी दी है। वहीं टीटीपी ने अपने अलग कैबिनेट का ऐलान कर दिया है।

TTP ने दी यह धमकी

TTP ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को धमकी दी है कि अगर वे तालिबान के खिलाफ सैन्य अभियान का समर्थन करेंगे तो उन्हें अंजाम भुगतना होगा। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा था कि उनके पास अधिकार है कि अफगानिस्तान में भी आतंकी ठिकानों पर हमला कर सके। तालिबान ने भी उनके बयान का जवाब दिया था और 1971 में हुई पाकिस्तान की हार की तस्वीर शेयर की थी। तालिबान की तरफ से कहा गया था कि यह सीरिया नहीं है।

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अफगानिस्तान बहादुरों की धरती रही है। कभी भी हमला करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए नहीं तो वही होगा जो 1971 के युद्ध के दौरान हुआ था। बता दें कि 1971 में पाकिस्तान को भारत के सामने घुटने टेकने पड़े थे। हाल में टीटीपी ने पाकिस्तान के आदिवासी इलाकों में अपनी पकड़ मजबूबत की है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद टीटीपी के हौंसले बुलंद हैं। टीटीपी और पाकिस्तान के बीच हुआ शांति समझौता विफल हो चुका है और टीटीपी ने युद्ध का ऐलान कर दिया है।

TTP का जन्म कैसे हुआ था?

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ही टीटीपी को बनाने के लिए जिम्मेदार है। अब टीटीपी दूसरे मिशन पर है। वह पाकिस्तान को तालिबान देश बनाना चाहता है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तानी सरकार ही नहीं बल्कि सेना और पुलिस के लिए भी चुनौती बना हुआ है। वैसे तो तहरीक-ए-तालिबान अफगानिस्तान वाले तालिबान से बिल्कुल अलग है लेकिन विचारधारा एक जैसी ही है। 2007 में टीटीपी के जन्म के बाद से वह सैकड़ों हमले कर चुका है और हजारों लोगों की जान जा चुकी है। नवंबर में टीटीपी ने सीजफायर को तोड़ने का खुला ऐलान कर दिया।

भारत हमेशा दिखाता रहा आईना

पाकिस्तान को भारत हमेशा ही आईना दिखाता रहा। पड़ोस में आतंक को पनाह दिए जाने के बीत अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर करता रहा लेकिन पाकिस्तान के कान पर जूं नहीं रेंगी। वह कश्मीर-कश्मीर चिल्लाकर आतंकियों को पालता रहा। अब हाल यह है कि उसके लिए तहरीक-ए-तालिबान बड़ी चुनौती बन गया है।