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ये इस्लामिक देश बने पाकिस्तान के सबसे दुश्मन! सऊदी से लेकर UAE बने IMF डील में रोड़ा

अब इस्लामिक दोस्त भी बने पाकिस्तान के दुश्मन

पाकिस्तान (Pakistan) के हालात पिछले कई महीनों से बद से बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में शहबाज सरकार खाड़ी देशों से पूरी तरह आस लगाई हुई है। दरअसल, जिन्होंने आर्थिक भूचाल के समय में दोस्त से बड़े-बड़े वादे किये थे अब वही पाकिस्तान का जरा सा भी भला नहीं चाहते हैं। पाकिस्तानी अखबार ‘द न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) नौवीं समीक्षा को मंजूरी देने से पहले मुस्लिम देशों की तरफ से पुष्टि चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को 6 बिलियन डॉलर का पैकेज देने के लिए उसकी ‘विश्वसनीयता सुनिश्चित करना’ आईएमएफ की एक प्रमुख शर्त है। ऐसे में यदि मुस्लिम देश पाकिस्तान की सिफारिश नहीं लगता तो मुल्क का पूरा-पूरा डिफॉल्ट होने का खतरा है।

इस बात में कोई शक नहीं पाकिस्तान (Pakistan) को इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से उबारने के लिए अब सभी की नजरें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर की ओर गड़ाए हुए है। इस बीच एक अधिकारी का कहना है अब देश के पास खाड़ी क्षेत्र की तरफ से सिफारिश का इंतजार करने और दुआ करने का अलावा और कोई रास्ता नहीं है।

IMF ने पाकिस्तान पर फोड़ा बम

दरअसल इन देशों के प्रतिनिधियों ने पहले ही पाक को अलग-अलग तरह से वित्तीय सहायता मुहैया कराने का वादा किया था। इनमें अतिरिक्त जमा और निवेश शामिल थे। हालांकि चालू वित्त वर्ष में कई महीने बीत जाने के बावजूद वे अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में असफल रहे। सूत्रों ने बीते दिन अखबार को जानकारी दी अब आईएमएफ ने स्टाफ लेवल एग्रीमेंट पर साइन करने की दिशा में आगे बढ़ने से पहले द्विपक्षीय भागीदारों से 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता हासिल करने के लिए सब कुछ पाकिस्तान पर डाल दिया है।

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दोस्त ही बने IMF समझौते में रोड़ा

IMF ने पाकिस्तान को बिलकुल साफ कर दिया है यदि स्टाफ लेवल एग्रीमेंट को आखिरी रूप दिया जाये और पाकिस्तान द्विपक्षीय भागीदारों से अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहता है तो उसकी विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है। यह देश को डिफॉल्ट होने की तरफ ढकेल सकता है। आईएमएफ उन कारणों का पता लगाना चाहता है कि पाकिस्तान के द्विपक्षीय साझेदार अपनी पहले की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के इच्छुक क्यों नहीं हैं।