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पाकिस्तान को मदद देने से पहले घुटनों पर ले आया IMF! अब परमाणु मिसाइल छोड़ने की रही शर्त

पाकिस्‍तान की शाहीन 3 मिसाइल

पाकिस्तान (Pakistan) में अब आर्थिक संकट पूरी तरह से अपने चरम पर पहुंच गया है साथ ही जिन्ना के मुल्क में अब डिफॉल्‍ट होने का खतरा गहरा गया है। पाकिस्तान फिलहाल इस कदर निचे गिरते जा रहा है कि उसने चीन से लेकर सऊदी अरब, यूएई से कर्ज की भीख मांग रहा है। इसके अलावा शहबाज सर्कार अनतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पिछले कई दिनों से हाथ फैला रही है पर IMF हामी भरने की बजाए लगातार अपनी शर्तें थोप रही है। पाकिस्‍तान ने कई जरूरी चीजों के दाम काफी बढ़ा दिए हैं लेकिन फिर भी उसे लोन का रास्‍ता साफ होता नहीं दिख रहा है। इस बीच पाकिस्‍तान के वित्‍त मंत्री इशाक डार और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुलासा किया है कि आईएमएफ कर्ज देने के बदले लंबी दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइलों के निर्माण को बंद करने की मांग कर रहा है।

पाक वित्‍त मंत्री इशाक डार ने बीती रोज इस मांग को खारिज कर दिया कि लंबी दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइलों को छोड़ दिया जाए। उन्‍होंने कहा कि किसी को भी पाकिस्‍तान को यह बताने का अधिकार नहीं है कि उसे किस रेंज की मिसाइल को रखना है। पाकिस्‍तानी वित्‍त मंत्री का यह हैरान करने वाला बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्‍तान ने चीन के साथ अपने रिश्‍ते को फिर से सुधारने की कोशिश शुरू कर दी है। चीन ने अभी दो लोन को फिर से फाइनेंस करके पाकिस्‍तान को डिफॉल्‍ट होने से बचाया है।

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इजरायल तक मार कर सकती है शाहीन 3 मिसाइल

इशाक डार ने कहा, किसी को भी यह बताने की जरूरत नहीं है कि वह किस रेंज की मिसाइल रख सकता है और किस तरह का परमाणु हथियार रख सकता है। हमें अपनी प्रतिरोधक क्षमता को रखनी ही होगी। उन्‍होंने पाकिस्‍तानी संसद के अंदर यह बयान दिया जहां कई देशों के राजदूत बैठे हुए थे। ऐसा पहली बार है कि पाकिस्‍तान के वित्‍त मंत्री इस पूरे मामले को लेकर दुनिया के सामने आए हैं। पाकिस्‍तान की शाहीन 3 मिसाइल सबसे ज्‍यादा दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइल है जो 2,750 किमी तक मार कर सकती है। इस मिसाइल की जद में पूरा भारत और खाड़ी देश आते हैं। इन्‍हीं खाड़ी देशों में एक अमेरिका जिगरी दोस्‍त इजरायल भी है।

चीन की मदद से पाकिस्‍तान ने कितनी शाहीन बनाई?

पाकिस्‍ताानी पत्रकार ने कहा कि अमेरिका को डर है कि अगर पाकिस्‍तान में हालात खराब होते हैं तो यह मिसाइल आतंकियों के हाथ जा सकती है। ये आतंकी अगर उसे बलूचिस्‍तान से दागते हैं तो यह इजरायल तक तबाही मचा सकती है। इसी वजह से वे पाकिस्‍तान को शाहीन-3 कार्यक्रम को छोड़ने के लिए कह रहे हैं। पाकिस्‍तान इजरायल का व‍िरोध करता है और राजनयिक संबंध भी नहीं हैं। वहीं इशाक डार ने आश्‍वासन दिया है कि ‘कोई भी, किसी भी तरह से आईएमएफ से कर्ज हासिल करने के बदले परमाणु या मिसाइल कार्यक्रम से समझौता नहीं करने जा रहा है।’ इशाक डार के इस बयान के बाद पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय ने भी एक बयान जारी करके कहा, ‘पाकिस्‍तान का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम एक राष्‍ट्रीय संपत्ति है जिसकी पूरी सुरक्षा सरकार करती है।’