कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) के हालात इस समय कुछ सही यही चल रहे है और वह अब खून के आंसू रो रहा है। पाकिस्तान में इस समय हाल बद से बदतर होते जा रहा है। मुल्क में गरीबों पर महंगाई की मार बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि रोटी के लिए जनता तरस रही है। क्योंकि, इस वक्त आटें का भाव रिकॉर्ड हाई पर है। इससे पहले पाकिस्तान में आटे की कीमत में इतना उछाल कभी नहीं देखा गया था। दरअसल पिछले कुछ समय सी पाकिस्तान में आर्थिक संकट लगातार गहराता जा रहा है। ऐसे में जैसे आर्थिक संकट बढ़ रहा है, लोगों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है।
IMF से कर्ज हासिल करने के लिए शहबाज सरकार टैक्स बढ़ा रही है और सब्सिडी में भारी कटौती कर रही है। इससे देश में महंगाई बढ़ती जा रही है और लोगों पर दबाव बढ़ रहा है। पाकिस्तान से सामने आ रहे वीडियो यह दिखाते हैं कि अवाम में गुस्सा बढ़ रहा है। एक पाकिस्तानी यूट्यूबर जब आटे की किल्लत से जूझ रही जनता से उनकी हालत पूछने निकला तो लोगों ने कहा कि हमारा हाल ऐसा है कि हम खुद एक बम बन चुके हैं और कभी भी फट सकते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पाकिस्तानी यूट्यूबर लोगों से पूछता है, ‘दुनिया इस वक्त पाकिस्तान की हालत पर हंस रही है, हैरान हो रही है कि यह पाकिस्तान में क्या हो रहा है। एक तरफ ये कहते हैं कि हम एक एटॉमिक पावर हैं, दूसरी तरफ इनकी अवाम रोटी के लिए रो रही है। क्या आटे के लिए पाकिस्तान में लोग खुदकुशी कर रहे हैं?’ जवाब में शख्स कहता है, ‘बिल्कुल कर रहे हैं। हम खुद कर रहे हैं। एटम बम हमारी ताकत है लेकिन अब हम खुद एक एटम बम बन चुके हैं। जिस तरह की हमारी हालत हो चुकी है, हम खुद एक बम हो चुके हैं। हम कभी भी, किसी भी जगह फट सकते हैं।’
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अस्पतालों में दवा की किल्लत
एक समय ऐसा भी था जब पाकिस्तान परमाणु बम बनाने के लिए ‘घास-फूस खाने को भी तैयार’ था। आज उसकी हालत कुछ वैसी ही हो गई है। मुल्क में लोगों के पास खाने को रोटी भले न हो लेकिन सेना के पास भारी मात्रा में परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम होता जा रहा है। ऐसे में सरकार ने आयात को रोक दिया है जिसका असर लगभग हर उद्योग पर पड़ा है। पाकिस्तान के अस्पतालों में अब न दवाएं हैं और न ही सर्जरी के लिए जरूरी उपकरण।
पाकिस्तान में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को वेतन कई-कई महीनों की देरी से मिल रहा है। इसका सीधा असर उनकी जीवन-शैली पर पड़ रहा है। लोगों के लिए परिवार का बुनियादी खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। आने वाली दिनों में सरकार पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के खर्च में भी कटौती कर सकती है।