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America से मिली भीख पड़ी कम,अब कटोरा लेकर चीन पहुंचे पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ

चीन पहुंचे शहबाज शरीफ

पाकिस्तान और चीन (pakistan-China) की यारी जग जाहिर है। आलम यह है कि पाकिस्तान अपने सदाबहार दोस्त चीन (China) के कंधे पर इतना ज्यादा टिक गया है कि अब उसे ड्रैगन अपनी ऊंगली पर नचा रहा है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की सियासत में आया भूचाल शांत होता नहीं दिख रहा। इसी के चले पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ देश में गृहयुद्ध भड़कने की आशंका के बीच चीन पहुंच गए हैं और उन्‍होंने राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है। मालूम हो, शी जिनपिंग की तीसरी बार ताजपोशी के बाद शहबाज शरीफ पहले ऐसे राष्‍ट्राध्‍यक्ष हैं ज‍िन्‍होंने चीन के राष्‍ट्रपति से मुलाकात की है। शहबाज शरीफ ऐसे वक्त में चीन पहुंचे हैं जब एक तरफ इमरान खान उन्‍हें सत्‍ता से उखाड़ फेंकने के लिए आजादी मार्च निकाल रहे हैं, तो वहीं पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था कभी भी डिफाल्‍ट हो सकती है। यही नहीं विश्‍लेषकों का तो यह मानना है कि शी जिनपिंग शहबाज को पसंद तो करते हैं लेकिन पाकिस्‍तान के लिए अपना खजाना खोलेंगे, इसमें संदेह है।

शहबाज शरीफ चीन के भरोसे

पाक के पीएम शहबाज शरीफ को उम्‍मीद है कि वह अपनी दोस्‍ती की मदद से वह सदाबहार दोस्‍त चीन से अरबों डॉलर फिर से हासिल कर सकते हैं। वो भी तब जब उन्‍हें अपने पश्चिमी दोस्‍तों से मायूसी हाथ लगी है। चीन के राष्‍ट्रपति जब शहबाज शरीफ का स्‍वागत कर रहे हैं, ठीक उसी वक्‍त इमरान खान इस्‍लामाबाद पर कब्‍जा करने के लिए खूनी हिंसा की धमकियां दे रहे हैं। इमरान ने यह भी ऐलान किया है कि वह शक्तिशाली सेना के मार्शल लॉ लगाए जाने से भी नहीं डरते हैं। इमरान और सेना के बीच टकराव की बढ़ती आशंका से देश में हिंसा भड़कने का डर सता रहा है।

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वैसे पाकिस्‍तान में सत्‍ता में आने के बाद शहबाज ने सीपीईसी परियोजना को फिर से तेजी से आगे बढ़ाने को प्राथमिकता में रखा है। यही नहीं सीपीईसी और चीन के नागरिकों को निशाना बनाने वाले बलूच विद्रोहियों के खिलाफ शहबाज कड़े प्रहार करना चाहते हैं। उन्‍हें उम्‍मीद है कि वह इससे चीन को खुश कर देंगे और अरबों डॉलर की मदद बिजली परियोजना के लिए हासिल कर सकेंगे।

क्या शहबाज की मदद करेंगे शी जिनपिंग?

फिलहाल, चीन अपने 13 नागरिकों की हत्‍या से बुरी तरह से पाकिस्‍तान से चिढ़ा हुआ है। ऐसे में सुरक्षा का मुद्दा चीनी और पाकिस्‍तानी नेतृत्‍व में प्रमुखता से उठना तय है। चीन अब तालिबान पर भी दबाव डाल रहा है कि वह टीटीपी के 5000 आतंकियों पर लगाम लगाए जो पाकिस्‍तानी सेना पर अक्‍सर हमले करते रहते हैं।