पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शहर कराची में शनिवार की दोपहर हुए एक धमाके में 12 से ज्यादा लोगों के मारे जाने तमाम लोगों के गंभीर तौर पर जख्मी होने की खबर है। यह धमाका कराची के शेरशाह रोड पर स्थित एक बैंक में हुआ है। इस धमाके में मरने और जख्मी होने वाले अधिकांश लोग बैंक के स्टाफकर्मी या बैंक के ग्राहक हैं। शुरुआती दौर में पुलिस ने इस धमाके के कारणों के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया, लेकिन जब धमाकास्थल पर बम डिस्पोजल स्क्वायड पहुंचा तो स्पष्ट हो गया कि ये पाकिस्तान की इमरान सरकार से असंतुष्ट समूहों का हमला है। किसी भी असंतुष्ट समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी। कराची की पुलिस ने बम डिस्पोजल स्क्वायड की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि बैंक के नीचे नाले में गैस इकट्ठी हो गई और उस में जबरदस्त धमाका हो गया।
कराची के पाराचा चौक पर स्थित बैंक में हुए इस विस्फोट को कुछ लोग बलूच लिब्रेशन टाइगर्स का हमला बता रहे हैं तो कुछ का कहना है ऐसे धमाकों को अंजाम देने की महारत टीटीपी के लड़ाकों में है। अभी कुछ दिन पहले ही टीटीपी ने पाकिस्तान सरकार के साथ हुए सीजफायर खत्म करने का ऐलान किया था। टीटीपी ने यह भी कहा था कि अब एक बार फिर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ हमले तेज किए जाएंगे।
At least 10 killed in blast in #Karachi pic.twitter.com/3mxJpnbw4U
— Sameer Mandhro (@smendhro) December 18, 2021
पाकिस्तान की मीडिया में चर्चा यह भी है कि कराची में बम धमाके को टीटीपी और बलूच लिब्रेशन दोनों ने मिलकर दिया होगा। क्यों कि यह भी खबरें आ रही थीं पाकिस्तान सरकार से बलोचिस्तान की आजादी के लिए बलूच लिब्रेशन टाइगर्स ने टीटीपी से हाथ मिला लिया है।
बलूच टाइगर्स और टीटीपी के एक साथ आने की खबरों से पाकिस्तान सरकार की नीदें उड़ी हुई हैं। पाकिस्तान सरकार इस समय एक नहीं कई घरेलू मोर्चों पर लड़ रही है। महंगाई, बेरोजगरी, भुखमरी और कंगाली ने पाकिस्तान की रीढ़ बुरी तरह टूटी हुई है। पाकिस्तान के शीर्ष लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि उनका मुल्क डिफॉल्टर हो चुका है। सरकार चलाने के लिए नकद पैसा नहीं है। सरकारी कर्मचारियों और अफसरों की तनख्वाह नहीं निकल पा रही हैं।
कराची में दिन-दहाड़े हुए इस विस्फोट के बाद कराची में सिंध के मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रमुख और अन्य ओहदेदारों के साथ इमरजेंसी मीटिंग की पूरे सिंध अलर्ट की हिदायत जारी की है।