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सऊदी अरब छोड़ेगा पुरानी पहचान, बदलेगा डण्डा-झण्डा और राष्ट्रगान, कट्टरपंथ की ओर बढ़ा पाकिस्तान

बदल जाएगी सऊदी अरब की पहचान GFX सौजन्य से गूगल

साल 2022 शुरू होते ही दुनिया में तमाम बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ भारत तरक्की के नए रास्ते पर निकल पड़ा है तो दूसरी पाकिस्तान चीन का नया गुलाम बन गया है। कट्टरपंथी माने जाने वाले सऊदी अरब में नरम सुधारों की नयी बयार बह रही है। क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में सुधारों की बयार में अब सऊदी अरब का नया झण्डा फहराया जाएगा और नया राष्ट्र गान गाया जाएगा।

सऊदी अरब में नागरिक अधिकारों की बात होने लगी है। महिलाएं खुली हवा में घूमने फिरने और काम करने के लिए आजाद हैं। सऊदी में रहने वाले लोग अब मनोरंजन कर सकते हैं। फिल्म देख सकते हैं और म्यूजिक का आनंद भी ले सकते हैं। कुछ समय पहले तक सऊदी अरब में ऐसा सोचना भी अपराध माना जाता था। वहीं पाकिस्तान है जहां तमाम कट्टरपंथी संस्थाएं आम जन-जीवन पर अंकुश लगा रही हैं। इमरान खान की सरकार के समानांतर कठमुल्लों की सरकार पाकिस्तान पर राज कर रही है। ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तान में कोई एक नहीं बल्कि चार-चार सरकार हैं। पहली सरकार पाकिस्तान की आर्मी है। दूसरी सरकार पाकिस्तान की निर्वाचित यानी इमरान खान की सरकार है। तीसरी सरकार कठमुल्ला जमातों की सरकार है और चौथी सरकार उन अनियंत्रित आतंकी गिरोहों की है जो पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में जो चाहते हैं वो करते हैं।

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बहरहाल, सुधारों की बयार वाले सऊदी अरब की सरकारी मीडिया के मुताबिक सोमवार को राज्य की गैर-निर्वाचित सलाहकार शूरा परिषद ने राष्ट्रगान और ध्वज में बदलाव के पक्ष में मतदान किया है।

सऊदी अरब के शहजादे (क्राउन) मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में देश में कई क्षेत्रों में नये बदलाव और सुधार किए जा रहे हैं। उन्हें इसके लिए अपने पिता शाह सलमान का पूरा समर्थन मिल रहा है। शहजादा एक राष्ट्रीय-सांस्कृतिक पहचान के साथ इस्लाम को प्रतिस्थापित करते हुए सऊदी अरब की पहचान को फिर से परिभाषित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो पूरी तरह से धर्म द्वारा परिभाषित नहीं है।

हालांकि, परिषद के फैसलों का मौजूदा कानूनों या संरचनाओं पर कोई असर नहीं पड़ता है। लेकिन, इसका फैसला इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसके सदस्य सऊदी अरब के शाह (किंग) द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और उनके फैसले अक्सर देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ तालमेल के साथ चलते हैं।