Hindi News

indianarrative

भुट्टो का दोगलापन! मिलाया तालिबान से हाथ, बिलावल की आतंकवाद से यह कैसी खिलाफ़त?

Pakistan-Taliban

Pakistan-Taliban: पिछले दिनी भारत में हुए SCO सम्मलेन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी शामिल हुए थे। सबकी नज़र बस बिलवाल की इस यात्रा पर टिकी हुई थी। क़यास लगाया जा रहा था की बिलावल के भारत आने के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते कुछ सुधरेंगे ,लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एससीओ देशों को अपने संबोधन से लेकर मीडिया चैनलों को दिए इंटरव्यू में बिलावल परोक्ष और अपरोक्ष रूप से वही पुराना कश्मीर राग अलापते रहे। पाकिस्तान के विशेषज्ञ उनके इस रवैये से बिल्कुल खुश नहीं हैं।

उनका कहना है कि तालिबान(Pakistan-Taliban) के साथ हाथ मिलाकर हम खुद को आतंकवाद का विरोधी कैसे कह सकते हैं?पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के जानकार यूसुफ नजर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैं चाहता हूं कि पाकिस्तानी ऑब्जर्वर्स, पंडित और राजनेता बिलावल की गोवा यात्रा पर बयानबाजी करना बंद कर दें जैसे कि यह कोई क्रिकेट मैच हो। हमें गंभीरता से और निष्पक्ष होकर यह सोचने की जरूरत है कि हम किस तरह की नीति का संचालन करना चाहते हैं। तालिबान के साथ करीबियां और सिख अलगाववादियों का समर्थन करना और फिर यह दावा करना कि हम उग्रवाद, चरमपंथ और आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं? विदेश कार्यालय के लोगों (सेवारत और सेवानिवृत्त) को इतिहास का गंभीरता से अध्ययन करने की जरूरत है।’

भारत में बिलावल भुट्टो के रवैये से नाराज पाकिस्तानी विशेषज्ञ

शनिवार को उन्होंने अपने एक ट्वीट में बिलावल के भारत दौरे का हवाला देते हुए लिखा, ‘भारत के साथ टकराव की नीति अपनाना पाकिस्तान के लिए मूर्खतापूर्ण है। यह हमारे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है। कोई भी मित्र देश इस नीति का समर्थन नहीं करता है। हमें कश्मीर पर अपनी बयानबाजी को कम करना चाहिए। दिवालिया पाकिस्तान सिर्फ अपने ही लोगों की तकलीफें बढ़ा सकता है और किसी की मदद नहीं कर सकता।’

यह भी पढ़ें: खुल गया राज तो इसलिए भारत आने को तैयार हुए Bilawal Bhutto, पाकिस्तानी के ढोंग का पर्दा फाश