पाकिस्तान की तालिबानी यारी किसी से छुपी नहीं है, सत्ता में काबिज होने से पहले से ही पाकिस्तान सरकार समर्थन दे रखी है। इसके साथ ही तालिबान को सबसे ज्यादा अगर किसी ने मदद की है तो वो पाकिस्तान और चीन ही हैं। यहां तक कि तालिबान ने जो अफगानिस्तान में अंतरीम सरकार बनाई उसमें भी पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई का सबसे बड़ा दिमाग रहा है और अब एक बार फिर से तालिबान संग पाकिस्तान की दोस्ती देखने को मिलने वाली है क्योंकि अब तालिबान इश्लामाबाद में दस्तक देने जा रहा है।
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दरअसल, तालिबान के अंतरिम विदेश मंत्री पाकिस्तान दौरे पर जाने वाले हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों को फिर से स्थापिक करने प्रयासों के तहत यह यात्रा होगी। मीडिया में आई खबरों में बताया गया है कि, आमिर खान मुत्ताकी को पिछले महीने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी काबुल यात्रा के दौरान आमंत्रित किया था। खबरों में कहा जा रहा है कि, आने वाले दिनों में मुत्ताकी की पाकिस्तान यात्रा तय है, क्योंकि दोनों पक्ष कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए संपर्क में हैं। तालिबान के वरिष्ठ नेता मुत्ताकी ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बारे में अमेरिका के साथ बातचीत में हिस्सा लिया था। वहीं, पाकिस्तान दौरे के दौरान मंत्री के साथ तालिबान के कई और बड़े अधिकारी भी जाएंगे।
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हालांकि उन्होंने कहा कि इस यात्रा को अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की औपचारिक मान्यता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल यात्रा का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है। पाकिस्तान ने तालिबान सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है लेकिन वह उन कुछ देशों में से एक है, जिसने काबुल में अपने राजनयिक मिशन के साथ-साथ दूतावास को बरकरार रखा है, जिससे इनकी पुरानी दोस्ती के और गहरा होने का संकेत मिलता है।