Flour Crisis in Pakistan: पाकिस्तान की इस वक्त भिखारियों जैसी हालत हो गई है। पूरे मुल्क में कई चीजों की भारी कमी हो गई है। सबसे ज्यादा कमी तो आटे की है। हालात ऐसे पैदा हो गये हैं कि, आटे (Flour Crisis in Pakistan) के लिए लोग एक दूसरे को मारने पर उतारू हो गये हैं। आटे का दाम इतना ज्यादा बढ़ गया है कि, आम आदमी की थासी से रोटी गायब हो रही है। पाकिस्तान में इस वक्त आटा 140 रुपये से 160 रुपये किलो बिक रहा है। सरकार की ओर से 60 रुपये दर पर ट्रकों से आटा बांटा जा रहा है। हाल यह है कि, जब ये सरकारी ट्रक आंटा (Flour Crisis in Pakistan) बांटने पहुंच रहे हैं तो लेने के लिए भगदड़ मच जा रही है। जिसमें कई लोग घायल हो गये हैं तो कई लोगों की मौत भी हो गई है। ये पाकिस्तान में हालात कितने ज्यादा खराब हैं उसे दरशा रहा है।
बाढ़ ने बर्बाद कर दिया 80 फीसदी फसल
दरअसल, पाकिस्तान में इस बार बाढ़ ने अपना प्रचंड रुप दिखाया। मुल्क के अधिकतर हिस्से बाढ़ में डूब गये। जिसके चलते 80 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है। इसके साथ ही दूसरी ओर विदेश मुद्रा भंजार की कमी के चलते पाकिस्तान के बंदरगाहों पर दवा और भोजन पड़ा है, लेकिन देश में नहीं आ पा रहा है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का कहना है कि, उनका विदेशी मुद्रा भंडार 4.3 अरब डॉलर के एक गंभीर स्तर पर गिर गया है। अटलांटिक काउंसिल के पाकिस्तान इनिशिएटिव के निदेशक उजै़र यूनुस कहते हैं, ‘पाकिस्तान का आर्थिक संकट दोगुना है। पिछले साल आई बाढ़ से पहले भी खाने की चीजों के दाम बढ़े हुए थे।
Current situation of Pakistan, where people are fighting for wheat flour. The agency who ranked Pakistan higher than India on Global Hunger Index has lost all its credibility. pic.twitter.com/w8c2GPQNAA
— dheeraj 🇮🇳 (@dheerajsharmads) January 10, 2023
मजदूरों के पास तो पैसे ही नहीं बचे
पाकिस्तान के मजदूरों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। पिछले चाल सालों में पाकिस्तान में मजदूर वर्ग के खरीदने की शक्ति में 30 फीसदी की कमी आई है। इसमें निम्न मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोग हैं जो 2 डॉलर (160 भारतीय रुपए) से भी कम कमाते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण पाकिस्तान 2018 से IMF से 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की मांग कर रहा है। लेकिन 2020 में कोरोना महामारी आ गई और तभी से इस पैकेज की बातचीत की रफ्तार थमने लगी। यूनुस के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार भी IMF की कई शर्ते पूरी नहीं कर सकी। पाकिस्तान के बंदरगाहों पर दवाई, प्याज, सोयाबीन से लेकर अन्य भोजन का सामान पड़ा हुआ है। पैसे के चलते ये आ नहीं पा रहा है।
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