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Pakistan मुस्लिमों के खून से नहाने वाले को बना रहा OIC बैठक में स्पेशल गेस्ट, स्वागत में हाथ जोड़ कर खड़े हैं Imran Khan

मुस्लिमों के खून से नहाने वाले को OIC बैठक में स्पेशल गेस्ट बना रहा Pakistan

चीन ऐसा देश है जिससे दुनिया के अधिकतर देश परेशान हैं। यह सिर्फ लोगों की जमीने नहीं हड़पता बल्कि, इसके जुल्म ऐसे हैं कि रूहे कांप जाएंगे। चीन अपने यहां के उइगर मुस्लिमों को सर्विलांग पर रखा हुआ है। इनकी आजाद पूरी चीन के हाथ में कैद है। उइगर मुस्लिमों में जिंदग किसी नर्क से कम नहीं है। क्योंकि, चीन इन्हें कैद कर के रखे हुए है और इनसे 12 घंटे से भी ज्यादा काम करवाता है। इन्हें पढ़ने की आजादी नहीं है, कहीं घूमने की आजादी नहीं है। कुल मिलाकर इन्हें कुछ भी करने की आजादी नहीं है। यहां तक कि ब्लैक मार्केट में उइगर मुस्लिमों के दिल, गुर्दे, आंख निकाल कर चीन अरबों रुपए कमा रहा है। अब इसी चीन को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सराखों पर बैठा कर रखे हैं। हद तो तब हो गई जब इमरान खान चीन को OIC बैठक में स्पेशल गेस्ट के तौर पर बुलाया है।

पाकिस्तान 22 और 23 मार्च को इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की एक बैठक आयोजित कर रहा है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान खान सरकार ने इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री को 'स्पेशल गेस्ट' के तौर पर आमंत्रित किया है। बता दें कि पिछले तीन महीने में पाकिस्तान द्वारा आयोजित OIC की यह दूसरी ओआईसी बैठक है। दिसंबर 2022 में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान मसले पर भी एक बैठक आयोजित किया था। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट मुताबिक वांग यी विशेष अतिथि के तौर पर OIC के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन 22 और 23 मार्च के लिए निर्धारित है। 57 देशों के ओआईसी के कम से कम 48 विदेश मंत्रियों ने अब तक अपनी भागीदारी की पुष्टि की है।

चीन शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों को लगातार प्रताड़ित कर रहा है। कई रिपोर्टों में खुलासा किया जा चुका है कि, चीन सरकार ने शइनजियांग प्रांत में नजरबंदी शिविर स्थापित किए हैं, जहां स्थानीय जातीय अल्पसंख्यकों यानी उइगर और चीनी सरकार से मतभेद रखने वाले लोगों को बिना किसी मुकदमे के कैद किया जाता है। अक्टूबर 2021 में उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार को लेकर दुनियाभर के 43 देशों ने चीन को फटकार लगाई थी। यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट मुताबिक 43 देशों ने चीन से शिनजियांग में मुस्लिम उइगर समुदाय के प्रति 'कानून के शासन का पूर्ण सम्मान सुनिश्चित करने' का आह्वान किया था।चीन ऐसा देश है जिससे दुनिया के अधिकतर देश परेशान हैं। यह सिर्फ लोगों की जमीने नहीं हड़पता बल्कि, इसके जुल्म ऐसे हैं कि रूहे कांप जाएंगे। चीन अपने यहां के उइगर मुस्लिमों को सर्विलांग पर रखा हुआ है। इनकी आजाद पूरी चीन के हाथ में कैद है। उइगर मुस्लिमों में जिंदग किसी नर्क से कम नहीं है। क्योंकि, चीन इन्हें कैद कर के रखे हुए है और इनसे 12 घंटे से भी ज्यादा काम करवाता है। इन्हें पढ़ने की आजादी नहीं है, कहीं घूमने की आजादी नहीं है। कुल मिलाकर इन्हें कुछ भी करने की आजादी नहीं है। यहां तक कि ब्लैक मार्केट में उइगर मुस्लिमों के दिल, गुर्दे, आंख निकाल कर चीन अरबों रुपए कमा रहा है। अब इसी चीन को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सराखों पर बैठा कर रखे हैं। हद तो तब हो गई जब इमरान खान चीन को OIC बैठक में स्पेशल गेस्ट के तौर पर बुलाया है।

पाकिस्तान 22 और 23 मार्च को इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की एक बैठक आयोजित कर रहा है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान खान सरकार ने इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री को 'स्पेशल गेस्ट' के तौर पर आमंत्रित किया है। बता दें कि पिछले तीन महीने में पाकिस्तान द्वारा आयोजित OIC की यह दूसरी ओआईसी बैठक है। दिसंबर 2022 में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान मसले पर भी एक बैठक आयोजित किया था। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट मुताबिक वांग यी विशेष अतिथि के तौर पर OIC के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन 22 और 23 मार्च के लिए निर्धारित है। 57 देशों के ओआईसी के कम से कम 48 विदेश मंत्रियों ने अब तक अपनी भागीदारी की पुष्टि की है।

चीन शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों को लगातार प्रताड़ित कर रहा है। कई रिपोर्टों में खुलासा किया जा चुका है कि, चीन सरकार ने शइनजियांग प्रांत में नजरबंदी शिविर स्थापित किए हैं, जहां स्थानीय जातीय अल्पसंख्यकों यानी उइगर और चीनी सरकार से मतभेद रखने वाले लोगों को बिना किसी मुकदमे के कैद किया जाता है। अक्टूबर 2021 में उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार को लेकर दुनियाभर के 43 देशों ने चीन को फटकार लगाई थी। यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट मुताबिक 43 देशों ने चीन से शिनजियांग में मुस्लिम उइगर समुदाय के प्रति 'कानून के शासन का पूर्ण सम्मान सुनिश्चित करने' का आह्वान किया था।