वर्ष 2020से लेकर अबतक किसी भी वैश्विक मंच पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नहीं देखा गया है। इसके बाद से वो किसी भी सम्मेलन में भाग नहीं लिए हैं। जो भी मीटिंग या फिर बाते हुए हैं अन्य नेताओं के साथ वो वर्चुअली ही हुई है। लेकिन, अब चीनी राष्ट्रपति 2020के बाद पहली बार किसी सम्मेलन में भाग लेंगे और इसी में उनका सामना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगा। दरअसल, उजबेकिस्तान में अगले महीने होने वाली शंघाई सहयोग सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन पर इस वक्त पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। इसी को लेकर कई तरह की बातें आ रही हैं।
इंटरनेशनल मीडिया में खबरें तेज होने लगी हैं कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले महीने उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) के शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच एलएसी विवाद समेत अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। इसके अलावा एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि, पुतिन से शी की मुलाकात हो सकती है। खबरों में देनों नेताओं के मिलने की बात कही जा रही है लेकिन, दोनों देशों ने अब तक आधिकारिक तौर पर 15-16सितंबर के दौरान समरकंद में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए अपने नेताओं की व्यक्तिगत भागीदारी की जानकारी नहीं दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात करें तो वो इस साल कई बहुपक्षीय और द्विपक्षीय बैठकों के लिए विदेश यात्रा कर चुके हैं। वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जनवरी 2020से चीन से बाहर कदम नहीं रखे हैं। कोरोना महामारी के आने के पहले से ही वो चीन से बाहर कदम नहीं रखे हैं। लेकिन, अब कहा जा रहा है कि SCO समीट के लिए वो समरकंद की यात्रा कर सकते हैं।
ताइवान को लेकर अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा ब्लॉक और पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन के आयोजन में शामिल लोगों के हवाले से रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शी जिनपिंग की भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ भी ऐसी ही बैठकें हो सकती हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शी जिनपिंग बैठक में वर्चुअली शामिल होने का विकल्प भी चुन सकते हैं। राजनयिक सूत्रों के अनुसार, पुतिन समरकंद में एक व्यक्तिगत शिखर सम्मेलन के इच्छुक हैं, जो अन्य बातों के अलावा, सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा। वहीं, अफगानिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के भी उज्बेकिस्तान जाने की उम्मीद है।
बता दें कि, इस सम्मेलन में चीन घिरता नजर आ रहा है क्योंकि, चीन आतंकवाद के मुद्द पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रयासों को लेकर अंडगा लगाते रहना, दो बार पाकिस्तान आतंकियों पर बैन के खिलाफ फैसला ले चुका है। उध भारत के साथ सीमा विवाद। इन सब मुद्दों को लेकर भारत अपनी तैयारी पहले से ही किये हुए है। आतंकवाद उन प्रमुख मुद्दों में से एक होने जा रहा है जिसे मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान उठा सकते हैं। इससे पहले ब्रिक्स बैठक में, मोदी ने आतंकवादियों को नामित करने के प्रयासों में आपसी समर्थन का भी आह्वान किया था।