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Russia के खिलाफ बोलने के लिए भारत पर बनाया जा रहा दबाव, कल दिल्ली आएंगे चीन के विदेश मंत्री

कल दिल्ली आएंगे चीन के विदेश मंत्री वांग यी

रूस-यूक्रेन जंग को लेकर दूनिया के कई देश इसके पक्ष में हैं तो कई इसके खिलाफ और कई देश ऐसे हैं जो इन दोनों के खिलाफ या पक्ष में बोलने से बच रहे हैं। अमेरिका और पूरा पश्चिमी देश इस युद्ध के खिलाफ है। लेकिन भारत और रूस के बीच दोस्ती गहरी रही है और जब-जब मौका मिला है तब-तब रूस भारत के लिए अपने दोस्ती पर खरा उतरा है। अब जब भारत की बारी आई तो भारत ने भी वही किया जो रूस चाहता था और भारत ने ना ही इसके पक्ष में बोला और ना ही इसके खिलाफ। अब पश्चिमी देश भारत पर दबाव बना रहे हैं कि वो रूस से दूरी बना ले।

भारत ने किसी एक पक्ष का साथ ना देते हुए दोनों ही देशों को बातचीत के जरिए शांति स्थापित करने की सलाह दी है। लेकिन कई पश्चिमी सहयोगी भारत पर अपनी स्थिति बदलने का दबाव बना रहे हैं। इन सबके बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच सकते हैं। द ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि आधिकारिक तौर पर ये सप्ष्ट नहीं है कि वांग के आने पर दोनों देशों के सीमा विवाद से जुड़े मुद्दे को हल कर लिया जाएगा।

माना जा रहा है कि, इससे विदेश मंत्री एस जयशंकर के लिए बीजिंग जाकर सीमा विवाद के मुद्दे पर और विस्तृत बातचीत करने का रास्ता साफ हो जाएगा। अगर सबकुछ सही रहा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में शिरकत करने के लिए चीन भी जा सकते हैं। जो रूस-भारत और चीन के समूह वाले सम्मेलन के साथ हो सकता है। वांग पाकिस्तान में आयोजित हो रहे ओआईसी के सम्मेलन के चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुए हैं। यहां से वो सीधे भारत आ सकते हैं क्योंकि, ये सम्मेलन आज खत्म हो रहा है।

तेजी से बदलती भौगोलिक राजनीति को देखते हुए भारत ने अपनी उस स्थिति में ढील दी है, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाता है कि किसी भी विदेशी हस्ती को अपने भारत दौरे को पाकिस्तान के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। अमेरिका और उसके सहयोगी देश लगातार भारत के साथ मिलकर काम करने और जरूरी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराने की पेशकश कर रहे हैं। वह रूसी सैन्य उपकरण और तेल की आपूर्ति पूरी करने की बात तक कह रहे हैं।