पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (POJK) के हिंदुस्तानी आज भी भारत की ओर अपनी आजादी एक बड़ी आस लिए बैठे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से उम्मीद है कि उनकी ही सरकार में उन्हें आजादी मिल सकती है। बालूचिस्तान और पीओजेके के लोग भारतीय मानते हैं। लेकिन, पाकिस्तान का यहां पर अवैध कब्जा है जिसे भारत लंबे समय से छोड़ने के लिए कह रहा है। पाकिस्तान आए दिन बलूचियों और POJK के लोगों पर अत्याचार की सारी हदें पार कर रहा है। यहां की बच्चियों के साथ पाकिस्तान की आर्मी रेप कर रही है। कब किसे गोली मारकर हत्या कर दे कोई पता नहीं है। अब तो हद ही हो गई है, पाकिस्तान ने यहां पर 15वां संविधान संशोधन लागू कर दिया है। जिसके विरोध में पूरे POJK में जबरदस्त आक्रोश है।
पाकिस्तान ने अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 15वां संविधान संशोधन लागू किया है। इसके विरोध पूरे पीओके में जबरदस्त आक्रोश है। लोग खुलकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं। 15वें संशोधन के नाम पर पाकिस्तान ने पीओके के नाम के आगे आजाद जोड़ा है, लेकिन सभी वित्तीय व प्रशासकीय शक्तियां छीन ली हैं। इसके विरोध में 14 अगस्त से पूरे पीओके में धरना-प्रदर्शन जारी हैं। बृहस्पतिवार को चारहोई व कोटली में जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। बाग, नार, चाक्सवारी, रावलकोट, नीलम घाटी, मुजफ्फराबाद सहित कई जगह हिंसक प्रदर्शन भी हुए।
इसे लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि, पाकिस्तान ने कश्मीर को हमेशा के लिए विभाजित रखऩे के लिए यह साजिश रची है। उन्हें उम्मीद है कि कश्मीर एक हो जाएगा। पीओके के पूर्व प्रधानमंत्री फारुक हैदर और पीटीआई के तनवीर इलयास पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है। पाकिस्तान इस वक्त कंगाली के कगार पर खड़ा है। खाने के लिए दाने-दाने के लिए तरस रहा है। हर घोर मुल्क में महंगाई के चलते प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, इस सब पर ध्यान देने के बजाय उसे भारत के साथ उलझने में मजा आ रहा है। पाकिस्तान की ये चाल आने वाले दिनों में उसी के लिए बड़ी मुश्किल बन सकती है।
बता दें कि, पाकिस्तान में चीन तेजी से विस्तार कर रहा है। वो यहां पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट के तरत काम कर रहा है। लेकिन, असका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। खास कर बलूच और पीओके के लोगों पर। वहीं, खबर है कि, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा प्राधिकरण खत्म करने को सरकार ने मंजूरी दे दी है। योजना मंत्री एहसान इकबाल ने इसे गैरजरूरी संगठन बताया था। उन्होंने कहा था कि सीपैक प्राधिकारण संसाधनों को बर्बाद कर रहा है, जिससे महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय संपर्क कार्यक्रम के त्वरित कार्यान्वयन को नाकाम कर दिया है।