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बूढ़ा होकर फिर से हो सकते हैं जवान! शरीर में ही छिपी होती है ‘जवानी’ की बैकअप कॉपी- स्टडी

Age Reverse Experiment

Age Reverse Experiment: इंसान की बनावट ऐसी है कि, जन्म लेने के बाद वो धीरे-धीरे उम्र की ओर बढ़ता है, जवान होता है और फिर बूढ़ा जाता है। शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जो अपने आप को हमेशा जवान न देखना चाहता हो। कई लोग तो जड़ी-बूटियों की भी खोज करते हैं कि जिससे वो जवान बने रहे। लेकिन, क्या वाकई में ऐसा हो सकता है। एक खोज की माने तो ऐसा हो सकता है। यानी आप बूढ़ा होकर फिर से जवान हो सकते हैं। खोज में पता चला है कि, हमारे शरीर में ही जवानी की बैकअप कॉपी (Age Reverse Experiment) छिपी होती है। इसका टेस्ट भी किया गया है। चूहों पर किया गया टेस्ट सफल रहा। दरअसल, ये करिश्मा बोस्टन लैब में हुआ है। जहां बूढ़े और नेत्रहीन चूहों को उनकी दृष्टि वापस मिली है। उनमें पहले से अधिक होशियार और युवा दिमाग विकसित (Age Reverse Experiment) हुआ है। उनकी मांसपेशिया और किडनी अब अधिक स्वस्थ हो गई है। दूसरी ओर कुछ युवा चूहे समय से पहले वृद्ध हो गए। उनके शरीर के लगभग हर टिशू पर विनाशकारी परिणाम देखे गए। यह प्रयोग दिखाता है कि उम्र का बढ़ना एक प्रतिवर्ती (Reversible) प्रक्रिया है जिसे ‘आगे और पीछे’ किया जा सकता है।

हमारे शरीर में जवानी की बैकअप कॉपी होती है
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के ब्लावात्निक इंस्टीट्यूट में जेनेटिक्स के प्रोफेसर, पॉल एफ. ग्लेन सेंटर फॉर बायोलॉजी ऑफ एजिंग रिसर्च के कोडायरेक्टर और एंटी-एजिंग विशेषज्ञ डेविड सिंक्लेयर ने यह बड़ा दावा किया है। सीएनएन की एक खबर के अनुसार लैब और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के काम को दिखाने वाले एक नए पेपर के वरिष्ठ लेखक सिंक्लेयर ने कहा, ‘हमारे शरीर में, हमारी जवानी की एक बैकअप कॉपी होती है जिसे उम्र को कम करने के लिए ट्रिगर किया जा सकता है।’ जर्नल Cell में गुरुवार को पहली बार यह संयुक्त प्रयोग प्रकाशित हुआ। यह प्रयोग अब तक के वैज्ञानिक विश्वास को चुनौती देता है कि उम्र बढ़ना हमारे आनुवंशिक उत्परिवर्तन का परिणाम है जो हमारे डीएनए को कमजोर करता है। इससे शरीर में क्षतिग्रस्त सेल्युलर टिशू की संख्या बढ़ती चली जाती है जो बीमारियों या मृत्यु का कारण बनते हैं।

पुराने कंप्यूटर में करप्ट सॉफट्वेयर की तरह हो जाता है DNA
सिंक्लेयर का कहना है कि, बूढ़ा होने का कारण शरीर में क्षतिग्रस्त कोशिकाएं नहीं हैं। हमारा मानना है कि, कोशिकाओं में जानकारी के अभाव से बुढ़ापा आता है। कोशिका के अपने मूल DNA को पढ़ने की क्षमता में धीरे-धीरे कमी आ जाती है और वह भूल जाती है कि उसे कैसे काम करना है। ठीक उसी तरह जैसे एक पुराने कंप्यूटर में करप्ट सॉफट्वेयर बन जाते हैं। मैं इसे उम्र बढ़ने की इन्फॉर्मेशन थ्योरी कहता हूं।

प्रक्रिया शुरू होते ही हो जाएंगे जवान!
रिसर्चर की माने तो उन्होंने लैब में एक जेनेटिक्स रिसर्च फेलो और रिसर्च पेपर के को-ऑथर जे-ह्यून यांग ने कहा कि, हमें उम्मीद है कि नतीजे उम्र के बढ़ने की प्रक्रिया और उम्र बढ़ने से जुड़ी बीमारियों के इलाज को देखने का नजरिया बदल देंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की शरीर 50 का है या 75 का, स्वस्थ है या बीमार। एक बार यह प्रक्रिया शुरू हो गई तो, शरीर फिर से युवा हो जाएगा, भले आप बूढ़े और बीमार क्यों न हों।