रूस और यूक्रेन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। रूस लगभग अपने एक लाख सैनिकों के साथ यूक्रेना सीमा पर खड़ी है और कभी भी हमला बोल सकती है। जिसे लेकर अमेरिका का कहना है कि अगर रूस ने ऐसा किया तो उसे बुरा अंजाम भुगतना होगा। युक्रेन की ओर से अमेरिका लगातार रूस पर दबाव बना रही है। यहां तक कि अब तो अमेरिकी सेना की यूक्रेन में तैनाती भी होनी शुरू हो गई हैं। वहीं, रूप ने अपने सहयोगी बेलारूस में लंबी दूरी के परमाणु संपन्न बमवर्षक विमानों को शनिवार को गश्त पर भेजा है।
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रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दो टीयू-22एम3 बमवर्षक विमानों (TU-22M3Bombers) ने बेलारूस की वायु सेना (Belarus Air Force) और वायु रक्षा के साथ चार घंटे के अभियान के दौरान अभ्यास किया। इसमें बेलारूस में गश्त करते हुए विमानों ने कई बार उड़ान भरी। बेलारूस की सीमा यूक्रेन के उत्तर से लगती है।
रूस का यह मिशन ऐसे वक्त में चलाया गया जब क्रेमलिन ने साइबेरिया और सुदूर पूर्वी क्षेत्र से अपने सैनिकों को बेलारूस भेज दिया है। इस तैनाती के साथ यूक्रेन के समीप रूस का सैन्य जमावड़ा और भी बढ़ गया है, जिससे पश्चिम देशों की रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने की आशंका बढ़ गई है। पश्चिमी देशों ने बेलारूस में रूस के सैनिकों और हथियारों की तैनाती पर लगातार चिंता जाहिक कर रही है। यह इसलिए भी चिंता वाली बात है क्योंकि यूक्रेन की राजधानी कीव बेलारूस की सीमा से महज 75 किलोमीटर ही दूर है।
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हालांकि, रूस ने यूक्रेन पर किसी भी हमले की बात से इनकार किया है। लेकिन यह सच है कि वह सीमा के करीब अपने लाख से भी ज्यादा सैनिकों की तैनाती कर रखा है। हालांकि, रूस ने अमेरिका और नाटो के सामने कुछ सुरक्षा शर्तें भी रखी हैं। रूस ने कहा है कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाना चाहिए। साथ ही पश्चिमी देशों से कहा है कि वह पूर्व की तरफ अपना विस्तार ना करें। हालांकि, अमेरिका और नाटो ने उसकी यही मांगे मानने से इनकार कर दिया है।