Russia-Ukraine War:यूक्रेन ने लंबे समय से पश्चिमी सहयोगियों से उन्नत युद्धक टैंकों की मांग की थी, जिसने पहले इस चिंता से अधिक शक्तिशाली उपकरण प्रदान करने से इनकार कर दिया था कि इससे संघर्ष बढ़ सकता है। लेकिन ब्रिटेन ने जनवरी में 14 चैलेंजर 2 टैंक यूक्रेन को देने का वादा किया था जिसका पालन करते हुए टैंक यूक्रेन पहुंच चुके हैं। यूक्रेन को उन्नत युद्धक टैंकों का बड़ा हिस्सा मिलना शुरू हो गया। वहीं जर्मनी ने भी लैपर्ड टैंक यूक्रेन को दिए हैं।डिफेंस मिनिस्टर बोरिस पिस्टोरियस ने कहा कि हमने यूक्रेन को समय पर लेपर्ड 2 टैंक की डिलीवर कर अपना वादा निभाया है। जर्मनी ने लेपर्ड टैंक के अलावा 2 टैंक रिकवरी व्हीकल और 40 इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल यानी टैंक को जंग के मैदान तक पहुंचाने वाले वाहन भी यूक्रेन भेजे हैं। लेपर्ड 2 टैंक को चलाने के लिए जर्मनी ने यूक्रेन के सैनिकों को लगभग डेढ़ महीने की ट्रेनिग भी दी है।BBC के मुताबिक लेपर्ड टैंक को खासतौर पर रूस के T90 बैटल टैंक से मुकाबले के लिए बनाया गया है। इनका रखरखाव काफी आसान होता है। दूसरे टैंक के मुकाबले इनमें कम फ्यूल का इस्तेमाल होता है।
यह भी पढ़ें: Ukraine के हाथ लगा पाकिस्तानी हथियार! शहबाज की खुली पोल, अब क्या करेंगे पुतिन?
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने सोमवार को कहा कि जर्मनी ने लैपर्ड युद्धक टैंक वितरित किए हैं, जो कीव को प्रदान करने पर सहमत हुए हैं साथ ही यूक्रेन के रक्षा मंत्री, ओलेक्सी रेजनिकोव ने कहा कि उनके सशस्त्र बलों ने ब्रिटेन से हमारी बख्तरबंद इकाइयों में एक नए चैलेंजर टैंक का स्वागत किया।
1986 में जर्मनी ने टैंक की काबिलियत जांचने के लिए एक टेस्ट किया था। इस टेस्ट का वीडियो काफी वायरल हुआ। इस वीडियो में सैनिक ने टैंक की गन के ऊपर बीयर से भरा हुआ एक गिलास रखा।जब टैंक चलना शुरू हुआ तो न ही ये गिलास गिरा और न ही अपनी जगह से हिला। यहां तक कि इसमें भरी बीयर भी नहीं छलकी। टैंक के बेहतरीन डिजाइन की वजह से ये गिलास हिला तक नहीं और टैंक ने अपने टारगेट पर सही निशाना भी साध लिया।