रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर युद्ध का औपचारिक ऐलान कर दिया है। पुतिन ने एक आपात संबोधन में कहा है कि वो यूक्रेन पर कब्जा नहीं करना चाहते हैं लेकिन पश्चिमी देश लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं। रूस के बैक यार्ड में पश्चिमी देश नाटो को खड़ा कर रहे हैं। ये रूस के साथ विश्वासघात है। वारसा पैक्ट समाप्त होने के समय यह आश्वासन दिया गया था कि रूस से अलग देशों को नाटो में शामिल नहीं जाएगा, लेकिन नाटो का लगातार विश्वासघात किया जा रहा है। रूस ने यह भी कहा है कि मिंक एग्रीमेंट का भी उल्लंघन किया गया है।
देर रात शुरू हुए युद्ध की जानकारी देते हुए पुतिन ने कहा कि ऐसा डोनवास एरिया की सुरक्षा के लिए किया गया है। क्यों कि यूक्रेन की सेनाएं लगातार डीपीआर और एलपीआर पर हमला कर रही थीं। रूस के राष्ट्रति पुतिन ने यूक्रेन के सैनिकों से कहा है कि वो हथियार डाल दें और वापस अपनी सीमाओं में जाएं क्यों कि वो अधिक रक्तपात नहीं चाहते हैं।
यूक्रेन-रूस विवाद में स्थिति हर एक मिनट के साथ गंभीर होती जा रही है। इस युद्ध में पहली बार अमेरिका की अप्रत्यक्ष एंट्री हो चुकी है। रूस के तेवरों को देखते हुए अमेरिकी ब्लैक हॉक यूएवी ने गश्त शुरू कर दी है। अमेरिका से यह ब्लैक हॉक रूसी विमानों को यूक्रेन में रोकने के मकसद से गश्त लगा रहा है। यूक्रेन के हवाई बॉर्डर्स सील कर दिए गए हैं। उक्रेन के आसमान के ऊपर से हवाई उड़ानों को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए यूएनएससी की आपात बैठक चल रही है।इन सारी परिस्थितियों में सबसे अजीब बात यह है कि सारे लोग रूस से यूक्रेन में इनवेजन रोकने का आग्रह तो कर रहे हैं लेकिन मिंक एग्रीमेंट पर किसी ने कोई बात नहीं की है। कुछ मिलिटरी विशेषज्ञों का कहना है कि एलपीआर और डीपीआर को तो 2014 में ही बफर जोन घोषित कर दिया गया था।