Russia Using Ukrainian Missiles:रूस और यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। लेकिन, सबसे ज्यादा इसका असर पश्चिमी देशों में पड़ रहा है। ग्रीस, जर्मनी, स्विट्जलैंड, फ्रांस, बेल्जियम से लेकर कई अन्य पश्चिमी देशों में आर्थिक भूचाल आया हुआ है। यूक्रेन पूरी तरह से बर्बाद (Russia Using Ukrainian Missiles) हो चुका है। कई शहरों में तो बुरी तरह से तबाही मची हुई है। यूक्रेन को फिर से पहले जैसे होने में 5-10 साल नहीं बल्कि 20 साल से भी ज्यादा का समय लग सकता है। जेलेंस्की अपने तो बुरी तरह से फंसे ही हैं साथ ही पश्चिमी देशों को भी अपने संग ले डूबे। वहीं, इस जंग को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है, कि रूस अब यूक्रेन में उसी के मिसाइलों (Russia Using Ukrainian Missiles) से हमला कर रहा है। यूक्रेन की ये मिसाइलें अब उसी के लिए काल बन गई हैं।
यूक्रेन की मिसाइलें बनी उसके लिए काल
यूक्रेन के डिप्टी इंटेलिजेंस प्रमुख जनरल वादिम स्कीबित्सकी ने बताया कि अक्तूबर के बाद रूस उस पर उन मिसाइलों से हमला कर रहा है, जिन्हें यूक्रेन ने 1990 में सोवियत संघ से अलग होने पर रूस को सौंपा था। असल में 1990 में सोवियत संघ से अलग होने के बाद यूक्रेन के पास परमाणु हथियारों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा खजाना था। आर्थिक संकट का सामना कर रहे यूक्रेन ने अमेरिका और यूरोप के दबाव में अपने परमाणु हथियार त्यागने का फैसला किया था। जनरल स्कीबित्सकी ने बताया कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम 1970 के दशक में यूक्रेन में बनाई गईं केएच-55 सबसोनिक क्रूज मिसाइल का मलबा पिछले दिनों रूसी हमले के बाद ख्मेलनित्स्की इलाके में मिला। उन्होंने बताया कि सिर्फ मिसाइल ही यूक्रेन में बनी हुई नहीं थी, बल्कि जिस टीयू-160 बमवर्षक से इसे गिराया गया, वह भी यूक्रेन में बना था। जनरल स्कीबित्सकी ने बताया कि बिना परमाणु हथियारों के यह मिसाइल कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा सकती, लेकिन जब यह असामान में होती है, तो एयर डिफेंस सिस्टम इसे धराशायी करने में व्यस्त हो जाते हैं, इसी बीच रूस अत्याधुनिक मिसाइलों से लक्ष्यों पर सटीक हमले कर देता है। अभी तक तीन मिसाइलों के अवशेष मिले हैं, जो यूक्रेन में बनी थीं और यूक्रेन पर इन्हें दागा गया है।
यूक्रेन के कई शहर खंडहर में हुए तब्दील
बता दें कि, रूस ने यूक्रेन के बखमुत, सोलेदर, मारयिंका, क्रेमिना शहरों को खंड़हर में तब्दील कर दिया है। हाल ही में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि, पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहांस्क प्रांतों के कई अग्रिम शहरों में हालात बहुत कठिन हैं। ये प्रांत डोनबास क्षेत्र के तहत आते हैं, जो रूसी सीमा पर स्थित एक औद्योगिक क्षेत्र है। पुतिन का ध्यान युद्ध की शुरुआत से ही इस क्षेत्र पर रहा है, जहां अलगवावादी 2014 से ही लड़ रहे हैं। जेलेंस्की ने रात में जारी अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘बखमुत, सोलेदर, मारयिंका, क्रेमिना लंबे समय से इन क्षेत्रों की जमीन पर कोई रहने लायक ऐसा स्थान नहीं बचा है जहां रूसी गोलाबारी से नुकसान नहीं हुआ हो। जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने डोनबास क्षेत्र के एक और शहर बखमुत को असल में ‘नष्ट’ कर दिया। बखमुत में कुछ इमारतें अब भी खड़ी हैं और बाशिंदे अब भी शहर की सड़कों पर घूम रहे हैं। इस क्षेत्र पर मॉस्को से हमले से पहले भी यहां लोग कई सप्ताह से पानी और बिजली आपूर्ति का अभाव झेल रहे है। रूस की ओर से यूक्रेन के खारकीव और सुमी, मध्य यूक्रेन के निप्रॉपेट्रोस, दक्षिण पूर्व में जापोरिज्जिया और दक्षिण में खेरसॉन में जमकर हमला किया जा रहा है। ऐसे में यूक्रेन के सैनिकों को अब काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है।
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