चीन में इस वक्त हालात बेहद ही बिगड़ चुकी है। यहां पर कोरोना महामारी के चलते लोगों को भारी नुकसान हो रहा है। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। शी जिंगपिंग सरकार ने कोरोना महामारी के खिलाफ जो कदम उठाया उससे वो अपनी ही जनता को मार रहे हैं। कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन का असर सीधा जनता पर पड़ रहा है। चीनी सरकार ने लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सख्त मनाही की है। जिसके चलते लोगों की परेशानी इतनी बढ़ गई है कि वो भूख-प्यास से तड़प रहे हैं। यहां तक कि चीनी नागरिक लॉकडाउन का विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं। अपने घरों बंद लोग अपनी जान बचाने के लिए खिड़कियों से चिल्ला रहे हैं।
चीन के शंघाई में कोरोना और सरकार की सख्ती के बाद हाहाकार मचा हुआ है। 2.6 करोड़ की आबादी वाला शहर जिसे चीन की वित्तीय राजधानी कहा जाता था, आज वहां लोग दाना पानी के लिए तरस रहे हैं। सरकार की तरफ से लॉकडाउन में ढील देने की भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं जिसमें, चीन का हैवानी चेहरा नजर आ रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि, लोग बिना खाना-पानी और दवा के किस तरह से तड़प रहे हैं। घरों से बाहर निकले पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। अब लोग अपनी बालकनी और खिड़कियों से ही झांकते नजर आते हैं। गुस्से में वे खिड़कियों से चीखकर सरकार के खिलाफ विरोध जाहिर करते हैं।
What the?? This video taken yesterday in Shanghai, China, by the father of a close friend of mine. She verified its authenticity: People screaming out of their windows after a week of total lockdown, no leaving your apartment for any reason. pic.twitter.com/iHGOO8D8Cz
— Patrick Madrid ✌🏼 (@patrickmadrid) April 9, 2022
जब लोगों ने खिड़कियों से चिल्ला-चिल्लाकर विरोध किया तो सरकार ने भी प्रतिक्रिया में कह दिया कि आजादी की अपनी इच्छा को दबाकर रखें। प्रशासन ने लोगों पर नजर रखने के लिए ड्रोन तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा लोगों को संदेश देने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार ने यहां तक कह दिया है कि लोग अपनी खिड़कियां न खोलें, इससे भी महामारी फैलने का डर है।
शंघाई में कई जगहों पर लोगों का कई दिनों से दाना-पानी बंद है। जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर आए। 1 अप्रैल से पूरे शंघाई में कड़ा लॉकडाउन लगा हुआ है। सरकार ने 2000 सेना के डॉक्टर और 10 हजार मेडिकल स्टाफ को शंघाई भेजा है। चीन में इस वक्त हाल क्या है और चीनी सरकार की बड़ी हैवानियत कर रही है इसका अंदाजा इसी से लगा लें कि। कोरोना होने पर कई बार मां-बाप और बच्चों को अलग कर दिया जा रहा है। ये कहां हैं परिवार के किसी सदस्य को नहीं पता। ना ही फोन पर बात करने दिया जाता है और ना ही इन्हें मिलने।