सत्ता में वापसी के लिए बौखलाए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों नई सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इसके साथ ही जनता को गुमराह करने के लिए जमकर रैलियां कर रहे हैं। इमरान खान अपनी सरकार गिरने के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताते हैं। उनका कहना है कि, पाकिस्तान की नई सरकार अमेरिका की गुलाम है और मुझे सत्ता से बाहर करने के लिए व्हाइट हाउसे से साजिश रची गई थी। इसके साथ ही वो कई सारे आरोप लगा रहे हैं। जिसके बदले ने शाहबाज सरकार चेतावनी दे चुकी है कि इमरान खान जो भी बोले सोच समझ कर वरना इसका अंजाम बुरा भुगतना पड़ सकता है। अब इमरान खान के मंत्रियों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। पाकिस्तान की पुलिस ने इमरान खान की एक पूर्व महिला मंत्री को घसीटकर लेकर गई है। इसके बाद खान बौखला उठे हैं।
भ्रष्टाचार विरोधी पंजाब और इस्लामाबाद पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिरीन मजारी को उनके घर के बाहर से गिरफ्तार किया है। PTI नेता इफ्तिखार दुर्रानी ने शिरीन मजारी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कोहसर थाने पहुंचने की अपील की है। इस्लामाबाद पुलिस का इसपर कहना है कि, शिरीन मजारी के खिलाफ डीजी खान में दर्ज एक संपत्ति मामले में मामला दर्ज किया गया है। पूर्व मंत्री को इस्कामाबाद के कोहसर पुलिस थाने से डीजी खान स्थानांतरित कर दिया गया है।
पाक मीडिया की माने तो, शिरीन के खिलाफ डीजी खान में 129एकड़ भूमि विवाद को लेकर मामला दर्ज किया गया था और बार-बार अनुरोध करने के बाद भी वो पेश नहीं हुई थी। जिसके बाद उनके खिलाफ एक्शन लिया गया। वहीं, मजारी की बेटी इमान जैनब मजारी-हाजीर ने कहा है कि, पुरुष पुलिस अधिकारियों ने उनकी मां को पीटा और जबरन ले गए। इसके साथ ही उन्होंने शाहबाज सरकार को चेतावनी दी है है कि, अगर उनकी मां को कुछ हो जाता है तो वह किसी को नहीं बख्शेंगी। उन्होंने कहा कि, उनकी मां को बिना किसी पूर्व सूचना के गिरफ्तार किया गया है।
इधर इमरान खान ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, हमारी पार्टी की वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी को फासीवादी शासन द्वारा कथित तौर पर उनके घर के बाहर से हिंसक रूप से अपहरण कर लिया गया। शिरीन मजबूत और निडर हैं। अगर आयातित सरकार को लगता है कि वह उसे फासीवाद से मजबूर कर सकती है, तो उन्होंने गलत अनुमान लगाया है! इसके आगे पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि, हमारा आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है लेकिन यह फासीवादी आयातित सरकार देश को अराजकता की ओर धकेलना चाहती है। उन्हें इकॉनमी को पटरी पर लाना चाहिए था लेकिन वह अब चुनाव से बचने के लिए अराजकता चाहते हैं। आज हम विरोध करेंगे और बैठक के बाद लॉन्ग मार्च की घोषणा की जाएगी।