इस वक्त दुनिया में कई देशों की स्थिति ठीक नहीं है। इस चाइन का कहना है कि वो किसी भी हाल में ताइवान पर कब्जा करके रहेगा। उधर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए है। इसी बच कई और देश इस वक्त हिंसा की आग में चल रहे हैं। एक और देश है जो ताइवान से नाता तोड़ने के बाद चीन से दस्त कर लिया लेकिन अब वह पूरा देस हिंसा की आग में चल रहा है।
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दरअसल, प्रसांत महासागर में स्थित सोलोमन द्वीप Solomon Islands इस वक्त भीषण हिंसा से जल रहा है। यहां हालात इतने ज्यादे बिगड़ गए हैं कि मदद के लिए ऑस्ट्रेलिया को अपनी सेना भेजनी पड़ी। इस बीच यहां प्रधानमंत्री मनासेह सोगावरे ने कहा है कि हिंसा विदेशी हस्तक्षेप के कारण हो रही है। इस देश ने ताइवान से संबंध कर चीन से नाता जोड़ लिया था। सरकार के इसी फैसले के कारण राजधानी होनियारा में सरकार विरोधी प्रदर्शन, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं हुई हैं।
सोलोमन द्वीप एक संप्रभु देश है, जिसमें छह प्रमुख द्वीप और ओशिनिया के 900 से अधिक छोटे द्वीप आते हैं। सोगावरे ने 2019 में कई लोगों, खासतौर से सोलोमन द्वीप के सबसे घनी आबादी वाले प्रांत मलाइता के नेताओं को उस समय नाराज कर दिया था जब उन्होंने ताइवान के साथ देश के राजनयिक संबंध खत्म कर दिए। देश के रक्षा मंत्री पीटर डटन ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस और राजनयिकों को लेकर आने वाला एक विमान गुरुवार को होनियारा में पहुंचा, जहां वे दूसरे दिन सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बाद शांति व्यवस्था कायम करने के प्रयासों में स्थानीय पुलिस की मदद करेंगे।
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ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शांति व्यवस्था बगाल करने और अहम प्रतिष्ठानों की रक्षा करने में स्थानीय पुलिस की ममद के लिए सैनिकों, पुलिस और राजनयिकों को भेजने की प्रतिबद्धता जताई थी। कुछ पर्यवेक्षकों की दलील है कि शांति व्यवस्था बहाल करने को लेकर चीन के सुरक्षा बलों को आने से रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने तत्काल हस्तक्षेप किया है, लेकिन मॉरिसन ने कहा है कि सोगारवे ने मदद के लिए कहा है क्योंकि वह ऑस्ट्रेलिया पर भरोसा करते हैं।