चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाला है, उससे लगते लगभग हर देश परेशाना हैं, जमीन से लेकर समुद्र तक में चीन अपने घुसपैठ से बाज नहीं आता। इन दिनों चीन ने ताइवान के क्षेत्र में लगातार अपने फाइटर जेट भेज कर डरा धमका रहा है। इसके साथ ही पूरी दुनिया से ताइवान और चीन के मसले से दूर रहने की हिदायत दे रहा है। चीन की ताइवान पर हथियाने की मंसा है। अब एक और देश चीन से परेशान है, चीन ने ऐसी हरकत की है जिसकी हर कोई आलोचना कर रहा है।
दरअसल, फिलीपींस ने गुरुवार को चीनी तट रक्षक जहाजों पर विवादित दक्षिण चीन सागर में अपनी नौकाओं पर पानी की बौछार करने का आरोप लगाया। ये नौकाएं फिलीपींस से सैन्य कर्मियों के लिए सप्लाई करने का काम कर रही थीं। इस हमले के बाद फिलीपींस की नौकाओं ने बीजिंग के जहाजों को पीछे हटने का आदेश दिया। फिलीपींस ने विदेश मंत्री तियोदोरो लोक्सिन ने कहा कि उन्होंने इस घटना पर बीजिंग को अपने नाराजगी, निंदा और विरोध व्यक्त किया है।
फिलीपींस के रक्षा मंत्री ने कहा है कि, ये घटना मंगलवार को हुई, जब तक फिलीपींस नौकाएं स्प्रैटली द्वीप समूह में सेकेंड थॉमस सोल यात्रा पर थीं। उन्होंने ट्वीट कर घटना की जानकारी देते हुए कहा, सौभाग्य से इस घटना में किसी को चोट नहीं आई है। लेकिन हमारी नौकाओं की सप्लाई बाधित हुई है। उन्होंने तीन चीनी जहाजों की कार्रवाई को ब्लॉक करने वाला बताया और पानी की बौछारों को अवैध करार दिया। लोक्सिन ने फिलीपींस की नौकाओं को सार्वजनिक बताया और ये कहा कि वे अमेरिका के साथ एक पारस्परिक रक्षा समझौता किए हुए हैं।
इसके आगे लेक्सिन ने कहा कि इन क्षेत्रों में और उसके आसपास चीन के पास कोई कानून प्रवर्तन अधिकार नहीं है। उन्हें ध्यान रखना चाहिए और पीछे हटना चाहिए व्हिटसन रीफ में सैकड़ों चीनी जहाजों का पता चलने के बाद इस साल संसाधन संपन्न समुद्रों पर तनाव बढ़ गया। ये जहाज स्प्रैटली द्वीप समूह में भी मौजूद हैं।
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चीन के हेकड़ी की बात करें तो ब्रूनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम के प्रतिस्पर्धी दावों के साथ चीन लगभग पूरे समुद्र पर दावा करता है। और इन्हें अपना क्षेत्र होने का दावा करता है। दक्षिण चीन सागर के माध्यम से अरबों डॉलर का व्यापार सालाना गुजरता है।