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इंडिया ने Xi Jinping के इरादों पर फेरा पानी! चीनी जासूसी जहाज के आगे लगाया फुल स्टॉप, कहा- आगे मत बढ़ना वरना…

भारत ने चीनी जासूसी जहाज के आगे लगाया फुल स्टॉप

श्रीलंका को बरबाद करने के बाद चीन अब यहां नई चाल चलते नजर आ रहा है। श्रीलंका ने आजादी के बाद अपने इतिहास में पहली बार इस तरह का आर्थिक भूचाल देखा है। यहां पर स्थिती बेहद ही बुरी है। ऐसे में भारत श्रीलंका का सबसे बड़ा मददगार बन कर उभरा है। चीन ने तो जैसे ही देखा कि यहां आर्थिक भूचाल आने वाला है वैसे ही वो यहां के हंबनटोटा बंदरगाह पर कब्जा कर लिया। वहीं, श्रीलंका में चीन अपनी जासूसी जहाज भेजने वाला है जिसे लेकर भारत ने ऐसी चाल चली है कि चीन को इससे करारा झटका लगेगा।

दरअसल, श्रीलंकाई सरकार ने चीनी सरकार से कहा है कि वह हंबनटोटा बंदरगाह पर अपने स्पेस सैटेलाइट ट्रैकर शिप युआन वांग 5की यात्रा को तब तक के लिए टाल दे, जब तक कि दोनों सरकारों के बीच कोई सलाह-मशविरा न हो जाए। जासूसी जहाज के लिए 11अगस्त को चीनी लीज पर हंबनटोटा बंदरगाह पर ईंधन भरने और 17अगस्त को वहां से निकलने की योजना तय की गई थी। भारत ने इस जासूसी जहास को लकेर चिंता जताई थी। एक रिपोर्ट के मुताबकि, सर्वे पोत 13जुलाई को चीन के जियानगिन शहर से रवाना हुआ और वर्तमान में ताइवान के करीब है।

मरीन ट्रैफिक वेबसाइट के मुताबिक, यह जहाज फिलहाल दक्षिण जापान और ताइवान के उत्तर पूर्व के बीच पूर्वी चीन सागर में है। कोलंबो में स्थित राजनयिकों के अनुसार, श्रीलंकाई विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने 12जुलाई को मंत्रालय की ओर से चीन के दूतावास को एक संदेश भेजा, जिसमें शिप युआन वांग 5को पुनः पूर्ति उद्देश्यों के लिए हंबनटोटा के बंदरगाह में एंट्री करने की मंजूरी दी गई थी।

हालांकि भारत ने हंबनटोटा में चीनी पोत के आने को लेकर अपनी सुरक्षा चिंता जाहिर की थी। यह रिसर्च सर्वे पोत समुद्र के तल का नक्शा बना सकता है जो चीनी नौसेना के पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए बेहद अहम है। माना जा रहा है कि, श्रीलंका में चीनी राजदूत ने श्रीलंकाई सरकार के साथ अपनी बात रखी और कहा कि पोत को अनुमति देने से इनकार करने से द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ेगा।

बता दें कि, रानिल विक्रमसिंघे सरकार के कैबिनेट प्रवक्ता ने पिछले दिनों 2 अगस्त को बताया कि, चीन का इस जहाज को ईंधन भरने की अनुमति दी जा रही है, भारतीय नौसेना ने भी कोलंबो को अपनी गंभीर सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराया। भारत संकट के समय श्रीलंका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस द्वीपीय देश के सामने मौजूद वर्तमान आर्थिक संकट से निपटने के लिए खड़ा है और लगातार मदद कर रहा है। भारत ने पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस, खाद्य पदार्थों और दवाओं के रूप में 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की मदद की है। लेकिन, अब इसके हंबनटोटा बंदरगाह पर रुकने की अनुमति देने के फैसले को स्थगित कर दिया गाय है और उचित राजनयिक चैनलों के जरिए चीनी विदेश मंत्रालय के समकक्षों को लिखित रूप से इस फैसले से अवगत करा दिया।