चीन इस वक्त तिब्बत कि संस्कृति को पूरी तरह से खत्म कर चीनी संस्कृति को लागू करना चाहता है। चीन का तिब्बत में सांस्कृतिक-नरसंहार चल रहा है। तिब्बती संस्कृति पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) पूरे प्लान के साथ हमला कर रही है। चीन तिब्बत में शिक्षा-भाषा, धर्म और तिब्बती जीवन शैली को पूरी तरह से बदलना चाहता है। स्कूलों में तिब्बती भाषा को चीनी भाषा के साथ बदलने की बीजिंग की नीति ने तिब्बती समाज को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। साथ ही, बहुत छोटे तिब्बती बच्चों को जबरन चीनी बोर्डिंग स्कूलों में डालने के लिए चीन के नए अभियान का उद्देश्य चीनी कम्युनिस्ट प्रचार के साथ तिब्बतियों की एक पूरी पीढ़ी का ब्रेनवॉश करना है। अब चीन दलाई लामा समर्थकों को चुन-चुनकर निशाना बना रहा है। चीनी पुलिस ने दो पहनों को सिर्फ इसलिए गिर्फतार किया है क्योंकि, मंदिर में दलाई लामा की तस्वीर रखी हुई थी।
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की तस्वीर रखने के आरोप में चीनी पुलिस ने यूडॉन नाम की एक 20 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, यूडॉन को कथित तौर पर 11 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि चीनी अधिकारियों ने 6 जुलाई को दलाई लामा के 87वें जन्मदिन के आसपास तिब्बतियों पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी। कई तिब्बतियों ने भारी प्रतिबंधों के बावजूद दलाई लामा का जन्मदिन मनाया था। पुलिस ने यूडॉन पर दलाई लामा की तस्वीर अपने घर में रखने के लिए उसकी बहन जुमकर के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया। यूडॉन जुमकर की छोटी बहन है। जुमकर को 23 जून को गिरफ्तार किया गया था। यूडॉन को उसके गृहनगर जारंग टाउनशिप, तिब्बत के नाग्चु क्षेत्र में अमदो काउंटी में गिरफ्तार किया गया था।
मीडिाय में आ रही खबरों में कहा गया है कि, यूडॉन फिलहाल तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र की राजधानी ल्हासा में हिरासत में लिया गया है, लेकिन कोई और विवरण उपलब्ध नहीं था। 27 वर्षीय जुमकर को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था, जब पुलिस को एक वेदी पर दलाई लामा की एक तस्वीर मिली, जो तिब्बती घरों का एक पवित्र हिस्सा है, जहां धार्मिक वस्तुएं जैसे मूर्तियां और शास्त्र रखे जाते हैं, और प्रार्थना की जाती है। तिब्बत के बाहर निर्वासन में रह रहे एक अन्य स्रोत ने भी आरएफए को यूडॉन की गिरफ्तारी की पुष्टि की।
बता दें कि, दलाई लामा के 87वें जन्मदिन पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दिया था तो भी चीन को करारी मिर्ची लगी थी। चीन ने कहा था कि, भारत तो चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने से परहेज करते हुए तिब्बत से जुड़े मुद्दों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।