गरीब देशों के विकाश के नाम पर कर्ज देकर फिर कब्जा कर लेने की मंशा पर चीन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जमकर निशाना साधा। चीन का नाम लिए बगैर ही भारत ने मंगलवार को यूएनएससी में कहा कि उसने हमेशा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का सम्मान करते हुए वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने की कोशिश की है और यह भी सुनिश्चित किया है कि भारत की सहायता किसी को 'कर्जदार' ना बना दे।
वर्तमान अध्यक्ष मेक्सिको की अगुवाई में सुरक्षा परिषद में ''अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा का पालन: बहिष्करण, असमानता और संघर्ष'' विषय पर आयोजित खुली बहस के दौरान विदेश राज्य मंत्री डॉ राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि चाहे वह ''पड़ोसी प्रथम'' नीति के तहत भारत के पड़ोसियों के साथ हो या अफ्रीकी भागीदारों के या अन्य विकासशील देशों के साथ, ''भारत उन्हें बेहतर और सशक्त बनाने में मदद करने के लिए मजबूत समर्थन का स्रोत बना हुआ है और बना रहेगा।''
सिंह ने कहा कि भारत ने हमेशा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का सम्मान करते हुए विकास साझेदारी के प्रयासों के साथ वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने का प्रयास किया है और यह सुनिश्चित किया है कि हमारी सहायता, सदैव मांग-संचालित बनी रहे, रोजगार सृजन एवं क्षमता निर्माण में योगदान करे और किसी को कर्जदार बनाने जैसी स्थिति पैदा नहीं करे।
चीन जिस रफ्तार से पड़ोसी मुल्को में रोड और अन्य निर्माण कार्य चला रहा है, इससे दुनिया चिंतित है। चीन एशिया से लेकर अफ्रीका और यूरोप तक के देशों में बुनियादी ढांचे के विकास के नाम पर भारी निवेश कर रहा है।