दुनिया में भारत की स्थिति अब यह है कि, बड़े से बड़ा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जुड़ना चाहता है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन से लेकर हर बड़ा देश भारत संग अपने रिश्ते को मजबूत करना चाहता है। भारत जितनी तेजी से हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है आने वाले दिनों में कई बड़े देशों को पीछे छोड़ सकता है और इसका अंदाजा दुनिया को हो चुका है। दरअअसल, पाकिस्तान को जिस तरह भारत ने एयरस्ट्राइक कर जवाब दिया उससे अंदाज हो गया कि ये नया भारत है जो छोड़ने वाला नहीं। थोड़ी बहुत जो कसर बची थी उसे चीन ने पूरा करवा दिया। गलवान वैली में चीन भारत के क्षेत्रों को जब हड़पने की कोशिश की तो यहां भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। पहले तो चीन ने दावा किया कि उसके बस चार सैनिक मारे गए हैं लेकिन, बाद में सैटेलाइट तस्वीरों ने चीन की पोल खोलते हुए दुनिया के सामने उजागर कर दिया कि, यहां चीन के 40 सैनिक मारे गए और भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद से ड्रैगन के साथ दुनिया को भी यकीन हो गया कि अब भारत पहले वाला नहीं है। जवाब देना अच्छे से जानता है। अब ताइवान ने कहा है कि, चीन जो भारत के क्षेत्रों पर अपना दावा कर रहा है वो बेतुका है।
दरअसल, ताइवान पर भी चीन कब्जा करने की फिराक में है और आए दिन उसके क्षेत्रों में अपने लड़ाकू विमानों को भेज कर धमकी देने की कोशिश करता रहता है। इसके साथ ही चीन का कहना है कि, कोई भी देश ताइवान को बचाने आया तो उसे भी अंजाम भुगतना होगा। उसका यह इशारा अमेरिका की ओर है। अब ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने एक इंटरव्यू में कहा है कि ताइवान और भारत के क्षेत्रों पर चीन का दावा बेतुका है। उन्होंने कहा है कि चीन ऐसे दावे कर रहा है जो यथास्थिति के खिलाफ है। इतना ही नहीं ये दावे सिर्फ बेतुके नहीं बल्कि बेहद खतरनाक भी हो सकते हैं। इसके आगे वू ने कहा है कि बीजिंग पूर्वी चीन सागर, दक्षिण चीन सागर, ताइवान और भारत के कुछ हिस्सों को अपना बताता है। चीन के इन दावों के कारण क्षेत्र में शांति भंग हो सकती है।
इसके साथ ही ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने चिंता जताते हुए कहा है कि चीन के दावे उसी तरह हैं जैसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में अपना तथाकथित सैन्य अभियान शुरू करने से पहले किया था। यूक्रेन में पिछले 70 दिनों से युद्ध जारी है। वू न ताइवान को लेकर कहा है कि चीन हम पर कोई शर्त नहीं लगा सकता और कह सकता है कि हमें मानना होगा कि हम चीन का हिस्सा है। वू ने अमेरिका पर भरोसा जताते हुए कहा है कि ताइवान पर चीनी हमले के केस में अमेरिकी सरकार ताइवान को हर तरह से मदद करने को तैयार है। हम अपना बचाव करने के लिए तैयार हैं।