Hindi News

indianarrative

बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के पीछे तालिबान का हाथ? जानें भारतीय एक्सपर्ट्स की राय

courtesy google

बांग्‍लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्‍याचार के मामले लगातार समने आ रहे हैं। बांग्लादेश के प्रति भारत का रवैया सख्त नहीं हैं, जैसा कि पाकिस्‍तान के प्रति देखा जाता है। इसके कई कारण हैं। दरअसल, बांग्‍लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने में भारत का अहम योगदान रहा है। ऐसे में भारत शुरुआत से ही बांग्‍लादेश पर भरोसा करता आया है कि वहां अल्‍पसंख्‍यक हिंदुओं के साथ ज्‍यादती नहीं होगी। हिंदुओं पर हुए अत्याचार के मामले में बांग्‍लादेश सरकार ने  जो कदम उठाए, उससे भारत सरकार पूरी तरह से संतुष्‍ट नजर आई।

यह भी पढ़ें- OLA का जबरदस्त दीवाली ऑफर, खरीदने के बाद पसंद न आएं तो करें वापस, सिर्फ 2,999 रु की डउन पेमेंट पर ले जाएं घर

बांग्‍लादेश की पीएम शेख हसीना ने साफ कर दिया कि हमारे देश में कट्टरपंथ के लिए कोई जगह नहीं है। उन्‍होंने कहा कि दोषी को बख्‍शा नहीं जाएगा। बांग्‍लादेश सरकार अपना काम कर रही है। वहीं, भारत सरकार भी इस पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए है। अगर घटना को देखा जाए तो इसकी शुरुआत पूजा पंडाल में कुरान रखने की बात से हुई थी। जिसके बाद ये बड़ा बवाल बन गया। शुरु से अब तक देखा जाए तो ऐसा लगता है कि बांग्‍लादेश में लोकप्रिय पीएम शेख हसीना को बदनाम करने के लिए वहां की सियासत को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।

यह भी पढ़ें- Karwa Chauth 2021: मां से बढ़कर होता हैं सास का दर्ज, इस करवा चौथ सासू मां को दें ये खास गिफ्ट्स, कराएं स्पेशल फील

भारत की तरह बांग्‍लादेश में भी धार्मिक आजादी है। धार्मिक आजादी को लेकर दोनों देशों के बीच में कोई तुलना नहीं की जा सकती है। पाकिस्‍तान में लोकतंत्र पर सैन्‍य पहरा रहता है। पाकिस्‍तान की हुकूमत कट्टरपंथ से प्रभावित रहती है। इतना ही नहीं वह आतंकवादी संगठनों को आर्थिक मदद भी मुहैया कराती है। इसमें कोई शक नहीं अफगानिस्‍तान में तालिबान हुकूमत आने से आतंक‍ियों के हौसले बढ़े हैं। ऐसे में कुछ एक्सपर्ट्स इस मामले को लेकर तालिबान से जोड़कर देख रहे हैं तो वहीं कुछ एक्स्पर्ट्स का कहना हैं कि तालिबान अभी खुद अपनी आंतरिक समस्‍याओं में उलझा हुआ है, इसलिए बांग्लादेश के हिंदुओं के हमले में वो शामिल नहीं हो सकता।