पाकिस्तान में इस वक्त कही तरह की तबाही मची हुई है। सबसे बड़ी तो आर्थिक तबाही मची हुई है। देश कंगाली के कगार पर है। न खाने के लिए पैसा है न लोन चूकाने के लिए। बिजली की भारी संकट है, सब्जियां तक मुल्क में नहीं बची हैं। इसी तरह हर जरूरतों की सामानों की कमी के पाकिस्तान जूझ रहा है। देश के डिफाल्ट होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। हाल ये है कि, पाक सरकार को अमेरिका में स्थित अपने दूतावास की इमारतों को बेचना पड़ रहा है। वहीं अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबानी (Taliban)आतंकियों और पाकिस्तान के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। तालिबान के राज में जहां तहरीक-ए-तालिबान (TTP) आतंकी लगातार पाकिस्तानी सेना और पुलिस पर भीषण हमले कर रहे हैं, वहीं अब तालिबानी आतंकियों ने पाकिस्तान से लगी तोर्खम सीमा को ही बंद कर दिया है।
तोर्खम पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक प्रमुख व्यापारिक सीमा है। तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान अपने वादों को पूरा नहीं कर रहा। तालिबान के विदेश मंत्रालय ने टीटीपी को लेकर भी पाकिस्तान को चेतावनी दी है। तालिबान के तोर्खम के आयुक्त ने कहा कि बॉर्डर प्वाइंट को यात्रा और ट्रांजिट ट्रेड के लिए बंद कर दिया गया है। तालिबानी आयुक्त मौलवी मोहम्मद सिद्दीकी ने ट्वीट करके कहा, ‘पाकिस्तान ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है और इस वजह से हमारे नेतृत्व के निर्देश पर इस सीमा को बंद कर दिया गया है।
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तालिबान ने बिलावल को दी नसीहत
तालिबान ने यह नहीं बताया है कि पाकिस्तान ने किन वादों को पूरा नहीं किया है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक तालिबानी इस बात से भड़के हुए हैं कि पाकिस्तान ने इलाज के लिए आने वाले अफगान नागरिकों को प्रतिबंधित कर दिया है। इस सीमा चौकी को बंद करने से पाकिस्तान को भी बड़ा झटका लगा है जो इस रास्ते से मध्य एशिया के देशों तक व्यापार करता है। तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कहर बाल्खी ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल को चेतावनी देते हुए कहा, अफगानिस्तान की सुरक्षा दुनिया के कई देशों से ज्यादा बेहतर है।
इससे पहले बिलावल म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा था, हम अफगानिस्तान पर हमला नहीं करना चाहते हैं, उनका पीछा नहीं करना चाहते हैं जो भूतकाल की गल्तियों को दोहराना होगा। बिलावल ने कहा था कि पाकिस्तान तालिबान से अपेक्षा करता है कि वह आईएसकेपी और अन्य आतंकी गुटों के खिलाफ ऐक्शन ले जो अफगानिस्तान में सक्रिय हैं। उन्होंने माना कि तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान में सुरक्षा हालात बदतर ही हुए हैं।