चीन इन दिनों अपने आसपास के देशों में घुसपैठ तेजी से कर रहा है। खासकर उन देशों में जो उससे सीमा साझा करते हैं। इसके साथ ही चीन अपनी सैन्य ताकत भी लगातार मजबूत कर रहा है। वहीं, हिंद-प्रशांत महासागर में चीन लगातार अपनी दावेदारी बढ़ाते जा रहा। ड्रैगन ने अपना पहला न्यूक्लियर सबमरीन उतारा है। जिसके बाद माना जा रहा है कि, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ेगी टेंशन बढ़ सकती है।
चीन ने जो न्यूक्लियर सबमरीन समुद्र में उतारा है उसकी जानकारी सैटेलाइट तस्वीरों से मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह न्यूक्लियर-संचालित अटैक पनडुब्बी का एक नया या उन्नत क्लास हो सकता है। विश्लेषक इसे बारीकी से देख रहे हैं क्योंकि चीनी नौसेना ने ऐसे संकेत दिए थे कि वह न्यूक्लियर सबमरीन पर काम कर रही है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि चीन की यह नई पनडुब्बी 24अप्रैल से 4मई के बीच पानी से बाहर हो गई थी और बाद में पनडुब्बी को लिओनिंग प्रांत के हुलुदाओ पोर्ट पर देखा गया।
सिंगापुर स्थित सुरक्षा विशेषज्ञ कोलिन कोह ने कहा है कि निर्देशित मिसाइलों के लिए वर्टिकल लॉन्च ट्यूबों के साथ चीनी टाइप 093 हंटर-किलर पनडुब्बी के एक नए क्लास की मिसाइल हो सकती है। लेकिन उन्होंने कहा कि हाल की सैटेलाइट तस्वीरों पनडुब्बी की पहचान करने के लिए बहुत सीमित थीं। एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि, अगर चीन ने नए न्यूक्लियर सबमरीन को उतारा है तो साउथ चाइना सी सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। क्योंकि, साउथ चाइना सी में पहले से चीन का कई देशों के साथ तनाव जारी है ऐसे में चीन का कोई भी कदम इस क्षेत्र में तनाव भड़का सकता है।