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UN की नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, Taliban के आते ही मौज में हैं आतंकवादी- अल-कायदा हो रहा एक्टिव

Taliban के आते ही मौज में हैं आतंकवादी

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा करने के बाद से ही देश की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। तालिबान के सत्ता में काबिज होने के बाद से ही पूरी दुनिया को पता था कि अब अफगानिस्तान में आतंकवादियों को पनाह दी जाएगी और ये खुलेआम यहां घूमेंगे। शुरुआत से ही तालिबान यह कहता रहा है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी आतंकी गतिवीधियों के लिए नहीं होने देगा। लेकिन अब ऐसा लगता है कि तालिबान ने कहा कुछ और था और कर कुछ और रहा है। क्योंकि, एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें यह खुलासा हुआ है कि तालिबान के आने के बाद से अफगानिस्तान में आतंकवादी आजाद घुम रहे हैं और अपने पनाह के लिए सबसे सुरक्षित देश मान रहे हैं।

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संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सोमवार को एक रिपोर्ट में बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से अल कायदा के साथ पूर्व संबंधों के कारण अफगानिस्तान चरमपंथियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन रहा है और ‘आतंकवादी संगठनों के हालिया इतिहास में उन्हें वहां पहले से अधिक स्वतंत्रता मिली हुई है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा कि अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह दोनों से जुड़े चरमपंथी अफ्रीका, खासकर अशांत साहेल में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।

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इसके आगे रिपोर्ट में बताया गया हैकि, इस्लामिक स्टेट इराक और सीरिया में एक ग्रामी विद्रोह के रूप में सक्रिय है।  इंडोनेशिया और फिलीपींस दोनों ने इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा से जुड़े आतंकवाद से निपटने में एक महत्वपूर्ण बढ़त की जानकारी भी दी है। विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, हाल में ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि तालिबान ने देश में विदेशी आतंकवादियों की गतिविधियों को सीमित करने के लिए कदम उठाए हैं। बल्कि इसके विपरित आतंकवादी संगठन आजादी का पूरा मजा ले रहे हैं। इसके साथ ही अल-कायदा को लेकर विशेषज्ञों ने कहा है कि, वह अभी इसलिए चुप है ताकि, तालिबान की सरकार को वैश्विक मान्यता मिलने में कोई परेशानी न हो। इसके साथ ही यह भी खबर है कि ओसामा बिन लादेन का बेटा अब्दुल्ला बीते साल अक्टूबर में तालिबान के साथ बैठक करने के लिए अफगानिस्तान गया था।