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Pakistan के टुकड़े तय, TTP चीफ मुफ्ती नूर वली का खतरनाक इंटरव्यू, FATA की आजादी तक हमले होते रहेंगे!

TTP सरगना ने कहा अगर पाकिस्तान सरकार ने मांगे पूरी नहीं की तो जारी रहेगा हमला

पाकिस्तान ने जब आतंकियों को जन्म देना शुरू किया तो उसे मालूम नहीं था कि एक दिन यही आतंकी उसके लिए नासूर बन बैठेंगे। पाकिस्तान इन आतंकियों को इस्तेमाल भारत में दहशत फैलाने के लिए करता है। लेकिन, इस वक्त आलम यह है कि पाकिस्तान के ही आतंकी बगावत पर उतर आए हैं और पिछले कफी समय में मुल्क के अंदर हमले कर रहे हैं। अब यही आतंकी खुद की सरकार बनाने के लिए कह रहे हैं और उनकी मांगे नहीं पूरी करने पर पाकिस्तान आर्मी को इसका अंजाम भुगतने के लिए कह रहे हैं।

दरअसल, हाल ही में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने कहा था कि, वो पाकिस्तान से अलग अपनी सरकार बनानी चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने जगह भी तय कर ली है जहां वो शरिया कानून को लागू करेंगे। अब इसी के लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान (TTP) आतंकियों के सरगना मुफ्ती नूर वली मेहसूद ने पाकिस्‍तान सरकार को खुली धमकी दी है। आतंकी नूर वली ने कहा कि तालिबान की मध्‍यस्‍थता से पाकिस्‍तान से बातचीत चल रही है लेकिन अगर यह फेल होती है तो हम और ज्‍यादा हमले करेंगे। हमारा जिहाद जारी रहेगा। इसके साथ ही टीटीपी चीफ ने पाकिस्‍तान के उस दावे की भी पोल खोल दी जिसमें इस्‍लामाबाद आरोप लगाता रहता है कि भारत इस आतंकी संगठन को पैसा दे रहा है।

मुफ्ती नूर ने यह भी कहा है कि, TTP ने चीनी नागरिकों पर हमला नहीं किया था। उसने कहा कि, इस तरह के हमले पाकिस्तानी सरकार अपनी जासूसी एजेंसी के जरिए कराती है ताकि चीन का शोषण किया जा सके। यह ठीक उसी तरह से है जैसे पाकिस्तान ने अमेरिका का किया था। उसने कहा कि, टीटीपी अपनी जमीन के लिए जंग लड़ रही है और तालिबान के साथ तनाव का कोई सवाल ही नहीं उठता है। इसके आगे मेहसूद ने कहा कि, पाकिस्तान की ओर से इमरान खान के करीबी जनरल फैज हामिद बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं।

इसके साथ ही टीटीपी चीफ ने साफ तौर पर कहा कि, पाकिस्तान के कबायली इलाके फाटा को खैबर पख्तूनख्वा से अलग करने की मांग पर डटे रहेंगे। वो इस मांस से पीछे नहीं हटने वाले। मोहसूद ने यह भी बताया कि, पाकिस्तान सरकार के साथ चल रही बातचीत में अभी कोई अच्छी खबर नहीं नजर आ रही है। उसने यह साफ किया कि, अगर पाकिस्‍तान सरकार के साथ बातचीत सफल भी हो जाती है तो भी टीटीपी न तो भंग होगा और न ही आत्‍मसमर्पण करेगा। मेहसूद ने कहा कि अगर पाकिस्‍तान सरकार के साथ कोई समझौता होता है तो टीटीपी सदस्‍यों के खिलाफ पाकिस्‍तान में चल रहे सभी मुकदमे खत्‍म हो जाएंगे। उसने कहा कि इन हमलों में दोनों ही पक्षों को नुकसान हुआ है लेकिन पाकिस्‍तानी सरकार को ज्‍यादा नुकसान हुआ है।

इसके साथ ही उसने कहा कि, टीटीपी के बढ़ते हमलों से घबराकर पाकिस्‍तान सरकार बातचीत को मजबूर हुई है। भारत से पैसा मिलने के सवाल पर मेहसूद ने साफ किया कि टीटीपी एक स्‍वतंत्र आंदोलन है और यह किसी सरकार के नियंत्रण में नहीं है। उसने कहा कि पाकिस्‍तान में सेना ही असली फैसले लेने वाली एजेंसी है। मेहसून ने यह भी कहा कि, लोकतंत्र इस्लाम विरोधी है पाकिस्तान की जनता को टीटीपी में शामिल हो जाना चाहिए। या फिर हमारी मदद करे क्योंकि, पाकिस्तान का निर्माण इस्लाम के नाम पर हुआ था। सिर्फ इतना ही नहीं मेहसूद ने यह भी कहा कि, टीटीपी को ब्लैक लिस्ट से निकलवाने की जिम्मेदारी भी पाकिस्तानी सेना की है।